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Paush Purnima 2021: पौष पूर्णिमा आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

पौष मास की पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र तीर्थ स्थल पर स्नान-दान करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : January 28, 2021 10:02 IST
Paush purnima 2021: 28 जनवरी को पौष पूर्णिमा, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
Image Source : INSTAGRAM/HINDUBHAKAT Paush purnima 2021: 28 जनवरी को पौष पूर्णिमा, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

पौष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि और दिन गुरुवार है। पौष मास की पौषी पूर्णिमा है। इस दिन किसी पवित्र तीर्थ स्थल पर स्नान-दान करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है |  साथ ही इस दिन व्रत रख कर श्री विष्णु के सत्यनरायण स्वरुप की पूजा-अर्चना कर कथा का पाठ करने से मनचाही इच्छाओं की पूर्ति होती है | माना जाता है कि पौषी पूर्णिमा के दिन जो व्यक्ति वासुदेव प्रतिमा को घी से नहलाता है और अपने शरीर पर सरसों का तेल या सुगंध युक्त जल से स्नान करता है, वह अत्यंत सुख को पाता है। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।

पूर्णिमा तिथि का शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि आरंभ: 27 जनवरी को  रात 12 बजकर 32 मिनट से शुरू

पूर्णिमा तिथि समाप्त: 28 जनवरी को रात 12 बजकर 46 मिनट तक

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 पौष पूर्णिमा के दिन बन रहा है खास संयोग

आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार पौष पूर्णिमा के दिन यायीजयद योग के अलावा सर्वार्थसिद्धि योग, प्रीति योग के साथ ही पुष्य नक्षत्र है। जिसके कारण इस शुभ अवसर में किए गए हर काम में सफलता प्राप्त होगी।

पौष पूर्णिमा व्रत विधि

पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर नित्य कामों ने निवृत्त होकर स्नान करें। इसके बाद भगवान की पूजन करें। इन्द्र और महालक्ष्मी जी की पूजा करते हुए घी का दीपक जलाएं। मां लक्ष्मी की पूजा में गन्ध पुष्प का इस्तेमाल जरूर करें। ब्राह्माणों को खीर का भोजन करवाएं और साथ ही उन्हें दान दक्षिणा देकर विदा करें। लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रूप से महिलाएं रखती हैं। इस दिन पूरी रात जागकर जो भगवान का ध्यान करते हैं उन्हें धन-संपत्ति प्राप्ति होती है। रात के वक्त चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही खाना खाए।

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माना जाता है कि पौष पूर्णिमा के दिन जो व्यक्ति वासुदेव प्रतिमा को घी से नहलाता है और अपने शरीर पर सरसों का तेल या सुगंधित वस्तुओं से युक्त जल से स्नान करता है, साथ ही विष्णु, इन्द्र और बृहस्पति के मंत्रों के साथ प्रतिमा का पूजन करता है, वह अत्यंत सुख को पाता है| उस व्यक्ति को जीवन में हर तरह का लाभ मिलता है |

पौष पूर्णिमा का महत्व

पौष माह की पूर्णिमा को मोक्ष की कामना रखने वालों के बहुत ही शुभ मानी जाती हैं। क्योंकि पौष पूर्मिमा के साथ ही माघ महीने की शुरुआत होती है। माघ महीने में किए जाने वाले स्नान की शुरुआत भी पौष पूर्णिमा से ही हो जाती है। शास्त्रों में इसकों लेकर मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन विधिपूर्वक प्रात:काल स्नान करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। वह जन्म-मृत्यु के चक्कर से कोसों दूर चला जाता है। यानी उसे मुक्ति मिल जाती है। इस दिन से कोई भी काम करना शुभ माना जाता है।

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