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पर्युषण पर्व पर इस शुभ समय लें ये 8 संकल्प, मिलेगा हर समस्या से निजात

आठ दिनों तक चलने वाले इस पर्व रूपी अनुष्ठान में हर दिन ही अज्ञान, संशय, मिथ्या ज्ञान, राग, द्वेष, स्मृति, धर्म का अनादर और योग, इन 8 तत्वों को आधार बनाया जाता है। जरूरी नहीं है कि आप जैन हों, जरूरी नहीं है कि आप किसी सम्प्रदाय विशेष में दीक्षा लें ..

Edited by: India TV Lifestyle Desk
Published : August 18, 2017 11:15 IST
Paryushana - India TV Hindi
Paryushana

धर्म डेस्क: भूमंडल पर पनपे लगभग हर धर्म में क्षमा को बड़ा महत्व दिया गया है। जैन धर्म ने भी इस क्षमा के महत्व को जाना, समझा और बेहद वैज्ञानिक तरीके से इसे भाद्रपद मास में एक अनुष्ठान के रूप में प्रतिस्थापित कर दिया। जैन बंधुओं के बीच इसे पर्युषण पर्व के नाम से जाना जाता है। उन्होंने माना कि क्षमा एक अत्यंत श्रेष्ठ भाव है। न केवल दूसरों से क्षमा मांगनी चाहिए बल्कि दूसरों को क्षमा कर भी देना चाहिए और स्वयं के प्रति साक्षी होकर अपनी इंद्रियों और आत्मा से भी क्षमा मांग लेनी चाहिए। इस बार पर्युषण पर्व 18 अगस्त से शुरु हो रहा है।

जब आप दूसरों से क्षमा मांगते है तो आपका अंहकार तिरोहित होता है और दूसरे के दुर्भाव से आपकी रक्षा होती है और जब आप दूसरे को क्षमा करते हैं तो दूसरों के अपराधों के प्रति अपने क्रोध और उससे उत्पन्न अग्नि, जो सिर्फ आपको जलाती है, उससे मुक्ति पा लेते हैं। चराचर जगत के प्रति किए गए विहित यानी जान-बूझकर अविहित, अनजाने में किए गए अपराध के ग्लानि बोध से मुक्ति तभी संभव है। जब हम स्वयं के प्रति साक्षी होकर अपनी आत्मा और अपनी इंद्रियों से क्षमा मांगें।

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जैन धर्मावलंबी भाद्रपद के महीने में पर्युषण पर्व मनाते हैं। श्वेतांबर सम्प्रदाय के लोग आठ दिन का पर्युषण पर्व मनाते हैं जबकि दिगम्बर सम्प्रदाय के लोग 10 दिन का पर्युषण पर्व मनाते हैं। आठ दिनों तक चलने वाले इस पर्व रूपी अनुष्ठान में हर दिन ही अज्ञान, संशय, मिथ्या ज्ञान, राग, द्वेष, स्मृति, धर्म का अनादर और योग, इन 8 तत्वों को आधार बनाया जाता है। जरूरी नहीं है कि आप जैन हों, जरूरी नहीं है कि आप किसी सम्प्रदाय विशेष में दीक्षा लें, जरूरी ये है कि आप हर धर्म में स्वीकृत क्षमा के महत्व को समझें और उससे लाभ उठाएं।

सुबह 5 बजकर 49 मिनट से 7 बजकर 28 मिनट तक के बीच अज्ञान से मुक्ति का संकल्प करना है। अगर अज्ञान से मुक्ति हो गई तो आपको व्यवसाय में तरक्की से कोई नहीं रोक सकता। अज्ञान से मुक्ति का संकल्प लेते समय पूर्व दिशा में मुख करना चाहिए। अब आज तो यह समय निकल गया लेकिन पर्युषण पर्व 8 दिन का है, आप कल इसी समय यह संकल्प ले सकते हैं। जानिए और संकल्प के बारें में...

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