धर्म डेस्क: 29 अक्टूबर 2017 को रात 3 बजकर 59 मिनट से से पंचक की शुरुआत हो रही है जो कि 3 नवंबर तक चलेगा। रविवार को पंचक लगने के कारण इसे रोग पंचक कहा जाएगा। 3 नवंबर को सुबह 5 बजकर 30 मिनट को समाप्त हो जाएगा।
भारतीय ज्योतिष की बात करें, तो पंचक बहुत ही अशुभ माने जाते है। माना जाता है कि इस समय में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण से रेवती तक के नक्षत्रों को पंचक नक्षत्र कहा जाता है। आज धनिष्ठा नक्षत्र के साथ पंचक की शुरुआत हुआ है। पंचक इन 5 खास नक्षत्र में ही लगता है जो कि धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। जिसमें कोई भी शुभ काम करने की मनाही है।
रोग पंचक
यह पंचक पांच दिनों के लिए शारीरिक और मानसिक कष्ट देने वाला होता है। इस पंचक में यज्ञोपवीत भी नही किया जाता है। हर शुभ काम की मना ही होती है। यह पंचक रविवार से शुरू होता है।
इस समय पंचक
आज रात 03 बजकर 59 मिनट से पंचक शुरू होंगे और 2 नवम्बर को पूरी रात बिताकर अगली सुबह 05 बजकर 29 मिनट तक पंचक रहेंगे।
इस पंचक में किसी भी तरह का निर्माण कार्य, औजार और मशीनरी कामों की शुरुआत करना अशुभ माना गया है। इनसे नुकसान हो सकता है। इसलिए इन पंचकों के दौरान कोई ऐसा काम न करें। जिससे आपको परेशानियों का सामना करना पड़े। जानिए इन दिनों में कौन से काम करना अशुभ माना जाता है।
- राजमार्त्तण्ड ग्रंथ में माना गया है कि जब पंचक शुरू हो जब तक यह रहे तब तक किसी यात्रा में नही जाना चाहिए। अगर आप कही जा भी रहे है तो दक्षिण दिशा की ओर तो बिल्कुल भी न जाएं, क्योंकि दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है। जिसके कारण आपका यात्रा करना दुर्घटना या कोई विपत्ति ला सकता है।
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