हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने के लिए शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है। ज्योतिषों द्वारा ग्रह-नक्षत्र की चाल की गणना करना के बाद ही किसी मांगलिक कार्य के लिए समय का निर्धारण होता है। ऐसे में अशुभ मुहूर्त का बहुत ध्यान रखा जाता है। ऐसे में जब भी अशुभ नक्षत्र का योग बनता है तो उसे पंचक कहा जाता है। साल का पहला पंचक 15 जनवरी यानी आज से शुरू हो रहे हैं। शुक्रवार को पंचक लगने के कारण इसे चोर पंचक के नाम से जाना जाएगा।
चोर पंचक
शुक्रवार को शुरू होने वालें पचंक को चोर पंचक कहते है। इस दिन यात्रा करने की मनाही होती है। साथ ही इस दिनों में व्यापार लेन देन की भी मनाही होती है। अगर इस दिन मनाही वाले काम करते है तो आपको धन की हानि होती है।
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कब से कब तक है पंचक
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार पंचक नक्षत्र 15 जनवरी शाम 5 बजकर 6 मिनट से शुरू होकर 20 जनवरी दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक रहेंगे।
पंचक में बिल्कुल भी न करें ये काम
- पूरे पंचक के दौरान घर की छत नहीं बनवानी चाहिए।
- बिजनेस को लेकर किसी भी तरह का लेनदेन न करे।
- कोशिश करे तो पंचकों के दिनों में किसी भी तरह की यात्रा की शुरुआत न करे।
- अगर किसी की शादी हुई है तो नई दुल्हन को घर न लाएं और न ही विदा करें।
- लकड़ी आदि का कार्य भी नहीं करना चाहिए और ना ही घर बनाने के लिये लकड़ी इकट्ठी करनी चाहिए। ऐसा करने से धन की हानि हो सकती है।
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- चारपाई या बेड नहीं लेना चाहिए और ना ही बनवाना चाहिए।
- अगर किसी की मृत्यु हो गई है तो उसके अंतिम संस्कार ठीक ढंग से न किया गया तो पंचक दोष लग सकते है। इसके बारें में विस्तार से गरुड़ पुराण में बताया गया है जिसके अनुसार अगर अंतिम संस्कार करना है तो किसी विद्वान पंडित से सलाह लेनी चाहिए और साथ में जब अंतिम संस्कार कर रहे हो तो शव के साथ आटे या कुश के बनाए हुए पांच पुतले बना कर अर्थी के साथ रखें। और इसके बाद शव की तरह ही इन पुतलों का भी अंतिम संस्कार विधि-विधान से करें।
- अगर पहले से ही कोई काम चल रहा है तो उसे जारी रख सकते है।
- किसी तरह का लेन-देन या व्यापारिक सौदे नहीं करने चाहिए।