आज से पंचक भी शुरू हो गए हैं। जो 16 सितंबर तक रहेगा। पंचक में लकड़ी से जुड़ा कोई नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए। लेकिन अगर पंचक लगने से पहले ही आपने ऑफिस या घर में वुड वर्क शुरू कर दिया है तो उसे रोकने की कोई जरूरत नहीं है। आप कार्य जारी रख सकते हैं लेकिन पंचक में लकड़ी से संबंधित कोई भी नया कार्य आपको शुरू नहीं करना चाहिए।
पंचक कब से कब तक?
इस बार पंचक 11 सिंतबर को आधी रात को 3 बजकर 29 मिनट से शुरु हो चुके है। यह पंचक 17 सितंबर मंगलवार को सुबह 4 बजकर 23 मिनट में समाप्त होगे।
पंचक में न करें ये काम
- पंचक में यदि किसी की मृत्यु हो गई है तो उसके अंतिम संस्कार ठीक ढंग से न किया गया तो पंचक दोष लग सकते है। इसके बारे में विस्तार से गरुड पुराण में बताया गया है जिसके अनुसार अगर अंतिम संस्कार करना है तो किसी विद्वान पंडित से सलाह लेनी चाहिए और साथ में जब अंतिम संस्कार कर रहे हो तो शव के साथ आटे या कुश के बनाए हुए पांच पुतले बना कर अर्थी के साथ रखें। और इसके बाद शव की तरह ही इन पुतलों का भी अंतिम संस्कार विधि-विधान से करें।
- माना जाता है कि जब अग्नि पंचक में जिस समय घनिष्ठा नक्षत्र हो उस समय घर या कही पर लकड़ी, घास या फिर जलाने वाली वस्तुएं नही एकत्र करनी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आग लगने का भय रहता है। माना जाता है कि अग्नि पंचक वाला दिन आग का होता है।
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- ज्योतिषों के अनुसार माना जाता है कि जब पंचक में रेवती नक्षत्र चल रहा हो तब कोई शुभ काम जैसे कि घर का निर्माण या फिर ग्रह प्रवेश नही करना चाहिए। अगर आपने ऐसा किया तो आपके घर में ग्रह क्लेश या फिर धन की हानि होगी।
- हिंदू धर्म में माना जाता है कि पंचक के दिनों में चारपाई बनवाना अच्छा नहीं होता है। अगर आपने इन दिनों में चारपाई बनवाया तो आपके ऊपर बहुत बड़ा संकट आ सकता है।
- राजमार्त्तण्ड ग्रंथ में माना गया है कि जब पंचक शुरू हो जब तक यह रहे तब तक किसी यात्रा में नही जाना चाहिए। अगर आप कही जा भी रहे है तो दक्षिण दिशा की ओर तो बिल्कुल भी न जाएं, क्योंकि दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है। जिसके कारण आपका यात्रा करना दुर्घटना या कोई विपत्ति ला सकता है।