
प्राचीन ज्योतिष शास्त्र में मुहूर्त (काल, समय) का विशेष महत्व माना गया है। ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार कुछ नक्षत्रों या ग्रह संयोग में शुभ कार्य करना बहुत ही अच्छा माना जाता है। वहीं कुछ नक्षत्रों में कोई विशेष कार्य करने की मनाही रहती है। शुक्रवार को पंचक लगने के कारण इसे चोर पंचक के नाम से जाना जाएगा।
शुक्रवार को शुरू होने वालें पचंक को चोर पंचक कहते है। इस दिन यात्रा करने की मनाही होती है। साथ ही इस दिनों में व्यापार लेन देन की भी मनाही होती है। अगर इस दिन मनाही वाले काम करते है तो आपको धन की हानि होती है।
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कब से कब तक है पंचक
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार 15 अक्टूबर की रात 9 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 20 अक्टूबर की दोपहर 2 बजकर 2 मिनट तक पंचक रहेंगे।
पंचक के दौरान न करें ये काम
- पंचक के दौरान बिजनेस को लेकर किसी भी तरह का लेनदेन नहीं करना चाहिए।
- पंचक के दिनों में किसी भी तरह की यात्रा की शुरुआत न करे।
- पंचक के दौरान लेन-देन, व्यापारिक सौदे, घर में लकड़ी आदि का कार्य या घर बनाने के लिये लकड़ी इकट्ठी करना जैसे कार्यों से बचना चाहिए।
- अगर किसी की शादी हुई है तो नई दुल्हन को घर नहीं लाना चाहिए और न ही विदा करना चाहिए।
- चारपाई या बेड नहीं लेना चाहिए और ना ही बनवाना चाहिए।
- अगर किसी की मृत्यु हो गई है तो उसके अंतिम संस्कार ठीक ढंग से न किया गया तो पंचक दोष लग सकते है। इसके बारें में विस्तार से गरुड़ पुराण में बताया गया है जिसके अनुसार अगर अंतिम संस्कार करना है तो किसी विद्वान पंडित से सलाह लेनी चाहिए और साथ में जब अंतिम संस्कार कर रहे हो तो शव के साथ आटे या कुश के बनाए हुए पांच पुतले बना कर अर्थी के साथ रखें। और इसके बाद शव की तरह ही इन पुतलों का भी अंतिम संस्कार विधि-विधान से करें।