हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार यह रेखा अंगूठे के बगल और मध्यमा उंगली के संगम में जोड़ पर स्थित होता है। माना जाता है यह रेखा पैर में होना पूर्वजन्म के पुण्य कर्मों का फल होता है। अंगूठे मूल में जिनके स्वास्तिक का चिन्ह पाया जाता है वह महापुरुष होते हैं। ऐसा व्यक्ति धार्मिक और दानी होता है। धर्म कर्म के प्रति अधिक रुझान होने पर यह अपने ध्यान योग से सिद्ध पुरूष भी बन सकते हैं।
हम दूसरी कड़ी में बात करेंगे एड़ी के मूल भाग से निकलकर मध्य भाग तक जाने वाली रेखा के बारे में। जानेंगे इस रेखा के बारें में क्या कहता है सामुद्रिक शास्त्र।