इस मंदिर के साथ बनेंगे सोमनाथ के तर्ज में ये मंदिर
30 बीघा जमीन में बन रहे इस मन्दिर के दूसरे चरण में शिव के 11 रुद्र अवतारों के मन्दिर बनाए जायेगें और उसके बाद 9 दुर्गाओं के मन्दिर बनेगें। सभी मन्दिर 51 फुट के है. सबसे बडा मन्दिर 125 फीट का है जो बिना लोहे के सरिए का इस्तेमाल किए 10 लाख ईटों को जोडकर बनाया गया है।
इस मन्दिर का डिजाइन पूरी तरह से सोमनाथ के मन्दिर की तरह ही है। इसमें शेषनाग की शैया में लेटे हुए भगवान विष्णु लक्ष्मी जी 9 फीट चौडी 7 फीट उंची और साढे 3 फीट मोटी मुर्ति विराजित की जायेगी।
इस मन्दिर के निर्माण में अभी तक 5 करोड रुपये खर्च किया जा चूका है. जबकि पूरा प्रोजेक्ट 100 करोड का है। पूरी तरह से बनने में इस मन्दिर को 10 साल से ऊपर का समय लगेगा। अलग-अलग चरणों में मन्दिर का निर्माण किया जा रहा है।
यह है इस मंदिर की खासियत
इस मन्दिर की एक खासियत यह भी होगी कि विष्णु जी के 24 अवतारों सहित 11 रुद्र अवतार तथा नौ देवियों के अवतारों का जिक्र भी किया जाएगा। ताकि कब किसने किस वजह से अवतार लिया उसकी जानकारी मन्दिर में आने वाले श्रध्दालूओं को मिले।