स्वास्थ्य और फिटनेस के नजरिये से कैसा रहेगा साल 2016
स्वास्थ्य और फिटनेस के नजरिये से साल के आरंभिक तीन माह मिलेजुले फल मिलेंगे। आलस्य और थकावट बनी रह सकती है। नेत्र संबंधी कुछ परेशानी उत्पन्न हो सकती है। आपका रक्तचाप भी बढ़ सकता है अत: अपनी सेहत का ख्याल रखें और स्वयं को शांत रखते हुए काम करें। दूसरी तिमाही में आपको पेट में जलन या गैस्ट्रिक संबंधी तकलीफ परेशान कर सकती हैं। आपके काम में आपका स्ट्रैस बढ़ सकता है जिस कारण थकावट हो सकती है साथ ही जोडों में दर्द की शिकायत परेशान कर सकती है. तीसरी तिमाही में मौसम आपके सेहत को प्रभावित कर सकता है। साल के आखिरी तीन महीनों में कई सारे ग्रहों का प्रभाव आपके ऊपर देखा जा सकता है। इसलिए आपको स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहना जरूरी होगा। गर्भवती महिलाओं को इस अवधि के दौरान अपना विशेष ख्याल रखना चाहिए।
प्रेम संबंध के नजरिये से साल कैसा रहेगा
प्रेम संबंध के नजरिये से साल का आरंभ संबंधों को लेकर आ सकता है। वैवाहिक संबंधों में बंधने का समय है इसलिए तैयार हो जाएं और अपनी पसंद को रिश्तों में बदलते हुए देखिए। वर्ष की अंतिम तिमाही का पहला भाग आपको मानसिक तनाव देने वाला रह सकता है। स्वयं पर नियंत्रण रखें क्योंकि जल्द ही स्थिति में सुधार की संभावना बनती दिखाई देती है। प्रेम संबंध की दृष्टि से साल की पहली तिमाही पहले से बने हुए प्रेम संबंधों में आपको अभी मनमुटाव का अनुभ व हो सकता है। वर्ष की दूसरी तिमाही का आरंभ आपके प्रेम संबंधों के लिए बिलकुल उपयुक्त नहीं माना जाएगा। आपके अनुकूल परिस्थितियां जुलाई से सितंबर के बीच रहेंगी। तिमाही का अंतिम भाग आपके लिए काफी अनुकूल सिद्ध हो सकता है और आप प्रेम संबंधों को विवाह में तबदील करने की भी सोच सकते हैं और इसके लिए माता-पिता से प्रेम संबंधों का जिक्र भी कर सकते हैं. लेकिन पहली बार में वह शायद ही माने, आप दोनो में से किसी के भी परिवार वाले आवाज उठा सकते हैं। साल के आखिरी तीन महीनों में प्रेम संबंधों को लेकर घर में कलह क्लेश होने की संभ भ वना बनती है।
विद्याथिर्यों के लिए कैसा होगा साल 2016
विद्याथिर्यों के लिए इस वर्ष के प्रारम्भ में कुछ प्रतिकूल रह सकता है। मन मस्तिष्क भ टका हुआ सा रहेगा। पढ़ाई की ओर से आप पूरी तरह से विमुख रह सकते हैं और मित्रों के साथ बुरी संगत में पड़ सकते हैं। आपके लिए उचित यही होगा कि आप समझदार बने और शिक्षा की ओर ध्यान दें। घूमना-फिरना भी जरुरी है लेकिन सभी बातें एक सीमा में रहकर ही अच्छी लगती हैं। किसी के समझाने का भी आपके ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योकि आपको समझ ही नहीं आएगा कि कोई क्या कह रहा है, ऐसा आपके पंचमेश बुध के वक्री होने के कारण हो सकता है और लग्नेश इस समय नीच राशि में रहेगे। आपको सरस्वती मंत्र का जाप प्रतिदिन करना चाहिए और 11 बार गायत्री मंत्र पढ़ने का नियम भी बनाना चाहिए। इससे पढ़ाई में मन लगा रहेगा और आप जी नही चुराएंगे।
उपाय - आपको प्रतिदिन संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ सुबह या शाम करना चाहिए। आप रोज सुबह ताजे आटे से बनी एक रोटी में थोड़ा सा मीठा मिलाकर गाय को खिलाएँ।