नई दिल्ली: समाज में एक पंरपरा बहुत ही पुरानी है जो आज भी चली आ रही है। वह है किसी के घर मेहमान के रूप में जाना और भोजन ग्रहण करना। आजकल तो कोई भी बाहर मिलता तो उसे घर में लंच या फिर डिनर के लिए जरुर बुलाते है। माना जाता है कि इसी से दोनों लोगों के बीच अच्छे संबंध बनते है।
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हम लोग एक कहावत पुराने जमाने से सुनते चले आ रहे है इसके अनुसार जैसा खाएंगे अन्न, वैसा बनेगा मन। यानी हम जैसा भोजन करते हैं, ठीक वैसी ही सोच और विचार बनते हैं। इसीलिए हमें कभी किसी के घर भोजन नही करना चाहिए जिससे हमें कोई समस्या हो। इस बात का अधिक ध्यान रखना चाहिए।
इस बारें में विस्तार से गरुण पुराण में बताया गया है। गरुण पुराण हिंदू धर्म का एक ग्रंथ है। इसे वेदव्यास ने रचा था। उस पुराण में 279 अध्याय और 18000 श्लोक है। जिसमें मृत्यु के बाद की घटनाएं, प्रेत लोक, यम लोक, नरक तथा 84 लाख योनियों के नरक स्वरुपी जीवन आदि के बारे में विस्तार से बताया गया है।
साथ ही व्यक्ति के लिए उपयोगी बातें बताई गई है। इसी पुराण में खाने के विषय में बताया गया है कि किन घर में खानें से आपको पाप लग सकता है। या फिर आपको धन हानि हो सकती है। जानिए किन घरों में भोजन करने से आपको पाप लगता है।
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