धर्म डेस्क: हिंदू धर्म की श्रीमद् वाल्मीकि रामायण में वाल्मीकि ने भगवान श्रीराम के जीवन के बारें में विस्तार से बताया गया है। जो एक बहुत महत्वपूर्ण ग्रंथ है। वाल्मीकि ने मनुष्य के जीवन से संबंधित कई बाते है। जिनका अनुसरण कर मनुष्य अपने जीवन में सफलताओं को प्राप्त करता है। इसमें धर्म और ज्ञान से संबंधित कई बातें बताई गई है।
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हम अपने जीवन में कई तरह के काम करते है जिससे हमें कभी अच्छा फल प्राप्त होता है और कभी बहुत ही बुरा फल प्राप्त होता है। इसी प्रकार वाल्मीकि रामायण में बताया गया है कि ऐसे कौन से काम है। जिन्हें करने से आप महापाप के भागीदार होते है। अगर आपने इन लोगों का अपमान किया तो आपके द्वारा किए गए हर पुण्य काम बेकार जाएगे। साथ ही इसकी सजा भी आपको मिलती है। इसलिए कभी भी इन लोगो का अपमान नहीं करना चाहिए।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार माना जाता है कि आपके द्वारा किए गए कार्य आपको इसी जन्म में फल दे देता है। वह आपके सामने किस तरह आए। इसके बारें में कुछ कहा नहीं जा सकता है। साथ ही आपको प्रेत की योनि भी मिल सकती है। जानिए किन लोगों का कभी भी अपमान नहीं करना चाहिए।
मातरं पितरं विप्रमाचार्य चावमन्यते।
स पश्यति फलं तस्य प्रेतराजवशं गतः।।
इस श्लोक के अनुसार कभी भी अपने माता-पिचा गुरु और पंडित का अपमान नहीं करना चाहिए। इसके प्रायश्चित का पल भी नहीं मिलता है, बल्कि आपको सजा मिलती है।
माता
मां को भगवान का स्थान दिया जाता है। कभी भी इनका अपमान नहीं करना चाहिए। माता की सेवा करने वाला मनुष्य जीवन में सभी सफलताए पाता है। इसके विपरीत उनका अपमान करने वाला मनुष्य कभी खुश नहीं रह पाता। वह हमेशा दुखी रहता है। उसे किसी भी काम में सफलता नहीं प्राप्त नहीं होती है। साथ ही किसी भी काम का पुण्य नहीं मिलता है। इसलिए इस काम को करने से बचना चाहिए। फिर चाहे कैसी भी परिस्थिति ही क्यों न हो।
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