धर्म डेस्क: नवरात्र की शरुआत हो चुकी है। मां दुर्गा का हर भक्त अपने-अपने अनुसार प्रसन्न करने में लगा है। मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पावन पर्व शुरू हो चुका है। इन नौ दिनों में व्रत रखने वालों के लिए कुछ नियम होते हैं साथ ही इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को उनका पसंदीदा भोग चढ़ाकर मां का आशीर्वाद भी पाया जा सकता है। शास्त्रों के अनुसार शारदीय नवरात्र में प्रत्येक नौ दिनों के दौरान देवी मां को कुछ न कुछ भेंट करने का विधान है। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से किस दिन क्या दें मां को भेट।
मां शैलपुत्री
नवरात्र के पहले दिन देवी मां को शरीर में लेपन के तौर पर लगाने के लिए चंदन और केश धोने के लिए त्रिफला चढ़ाना चाहिए। त्रिफला में आंवला, हर्रड़ और बहेड़ा डाला जाता है।
मां ब्रह्मचारिणी
नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का होता है। इस दिन केशों को ठीक स्थान पर रखने के लिए माता को रेशम की पट्टी देनी चाहिए। जो लोग कल की भेंट देवी मां को न दे पाये हों, वो कल और आज, दोनों दिन की भेंट देवी मां को आज ही दे दें। (Navratri 2018: नवरात्र में बोएं गए जौ देते है आपके भविष्य में आने वाले संकट और खुशहाली का संकेत, ऐसे जानें )
मां चंद्रघंटा
आज नवरात्र के तीसरे दिन देवी मां के पैरों को रंगने के लिए आलता, सिर के लिए सिंदूर और देखने के लिए दर्पण दिये जाने का विधान है। इससे व्यक्ति को देवी मां से विशेष फल प्राप्त होते हैं। (Navratri 2018: 10 अक्टूबर से शुरू हो रहे है शारदीय नवरात्र, इस शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना)
मां कुष्मांडा
आज के दिन देवी को मधुपर्क, यानी शहद, मस्तक पर तिलक लगाने के लिए चांदी का एक टुकड़ा और आंख में लगाने का अंजन, यानि काजल दिया जाता है। ऐसा करने से देवी मां अपने भक्तों से प्रसन्न रहती हैं।
मां स्कंदमाता
आज नवरात्र के पांचवें दिन देवी मां को अंगराग, यानी सौन्दर्य प्रसाधन की चीज़ें और अपने सामर्थ्य अनुसार आभूषण चढ़ाने का विधान है। लेकिन अगर आपने पिछले दिनों में ये सब माता को न चढ़ाया हो, तो कोई बात नहीं है। देर आये, दुरुस्त आये। आप आज के दिन ये सब चीज़ें चढ़ाकर माता का आशीर्वाद पा सकते हैं, लेकिन अगर आप ये सबकुछ एक साथ चढ़ाने में समर्थ न हो तो जितना आप से बन पड़े, उतना चढ़ाइये, लेकिन जो भी चढ़ाना है, वो आज ही चढ़ा लीजिए।
मां कात्यायनी
नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की उपासना की जायेगी और बेल के पेड़ के पास जाकर देवी का बोधन किया जायेगा।
कालरात्रि
सप्तमी तिथि के दिन भगवती की पूजा में गुड़ का नैवेद्य अर्पित करके ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से हर दुख से छुटकारा मिलेगा।
मां महागौरी
अष्टमी के दिन मां को नारियल का भोग लगाएं। नारियल को सिर से घुमाकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
मां सिद्धिदात्री
नवमी तिथि पर मां को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं जैसे- हलवा, चना-पूरी, खीर और पुए और फिर उसे गरीबों को दान करें। इससे जीवन में हर सुख-शांति मिलती है।