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Nag Panchami 2020: 25 जुलाई को है नाग पंचमी, जानें इस दिन का महत्व और क्यों नाग देवता को पिलाया जाता है दूध

इस बार नाग पंचमी 25 जुलाई को है। नाग पंचमी के दिन सांप को दूध पिलाने की मान्यता है। जानिए क्या है नाग पंचमी का महत्व और इस दिन क्यों सांप को दूध पिलाने की मान्यता है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : July 21, 2020 12:58 IST
Nag Panchami
Image Source : INSTAGRAM/NASIBWALA Nag Panchami

सावन का महीना शिव के आराधकों के लिए बहुत खास होता है। सावन के दौरान न केवल भोलेनाथ की पूजा की जाती है बल्कि नाग देवता की पूजा भी की जाती है। नाग देवता इसलिए भी पूजनीय हैं क्योंकि उन्हें शिव जी ने अपने गले में धारण किया हुआ है। नाग पंचमी हर साल सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस बार नाग पंचमी 25 जुलाई को है। नाग पंचमी के दिन सांप को दूध पिलाने की मान्यता है। जानिए क्या है नाग पंचमी का महत्व और इस दिन क्यों सांप को दूध पिलाने की मान्यता है। 

इसलिए पिलाया जाता है सांप को नाग पंचमी के दिन दूध

नाग पंचमी के दिन सांप को दूध पिलाने की परंपरा कई साल से चलती आ रही है। भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन नाग को दूध पिलाने से नाग देवता प्रसन्न हो जाते हैं और सर्पदोष का खतरा भी कम हो जाता है। भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन महाराजा जनमेजय ने एक बार नाग यज्ञ किया। इस यज्ञ की वजह से नागों का शरीर जल गया था। तब आस्तिक मुनि ने उनके शरीर पर दूध डालकर रक्षा की थी। 

नाग पंचमी की कथा के अनुसार 
नाग पंचमी की कथा में लिखा है कि किसी राज्य में एक किसान अपने परिवार के साथ रहता था। किसान के दो पुत्र और एक पुत्री थी। एक दिन जब किसान हल जोतने गया तो नाग के तीन बच्चे भूल से कुचलकर मर गए। बच्चों के मरने से नागिन बहुत दुखी थी। उसने उस वक्त संकल्प लिया कि वो इसका बदला लेगी। रात को अंधेरे में नागिन ने किसान, उसकी पत्नी और दोनों पुत्रों को डस लिया।   दूसरे दिन जब नागिन उसकी पुत्री को डसने के लिए भी आई। किसान की पुत्री ने उसके सामने दूध से भरा हुआ बर्तन रख दिया और हाथ जोड़कर क्षमा मांगी। नागिन पुत्री से प्रसन्न हो गई और किसान, उसकी पत्नी और दोनों पुत्रों को जीवन दान दे दिया। जिस दिन ये हुआ उस दिन श्रावण शुक्ल पंचमी थी। तब से नाग के प्रकोप से बचने के लिए इन दिन सांप की पूजा की जाती है और दूध पिलाया जाता है। 

भोलेनाथ का मिलता है आशीर्वाद

शिव जी ने नाग को गले में धारण किया तो वहीं भगवान विष्णु ने शैय्या बनाई। मान्यता है कि नाग की आराधना करने से भगवान शिव और विष्णु दोनों प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही नाग पंचमी पर नाग की पूजा करने से शिव जी का आशीर्वाद भी मिलता है। 

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