- इस मंदिर में चढाय़ा गया फूल और तुलसी कभी भक्तों को वापस नहीं दिया जाता है, बल्कि इसे मंदिर के परिसर में बने एक कुएं में डाल दिया जाता है।
- इस मंदिर में जो भी फूल, मालाएं चढाई जाती हैं उन्हे पुजारी बिना देखे पीछे फेकता जाता है, क्योंकि माना जाता है कि इन्हें पीछे फेंकने वक्त देखे जाने पर वो अशुभ हो जाता है।
- इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर के कपाट 12 सालों के लिए बंद कर दिए गए थे, क्योंकि एक राजा ने इस मंदिर की दीवार पर 12 लोगों को फांसी दे दी थी, जिसके कारण उस समय भगवान स्वयं प्रकट हुए थे।
- इस मंदिर में एक दीया हमेशा जलता रहता है, लेकिन आज तक ये बात किसी को पता नहीं चली कि इस दीए को कब जलाया गया था।
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