उत्तर प्रदेश के चित्रकुट का हनुमान मंदिर
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में यह हनुमान मंदिर बना हुआ है। यहां से हनुमान धारा तीन मील की दूरी में है। पहाड़ के सहारे बनी हनुमान जी की एक विशाल मूर्ति के सिर पर दो जल कुंड हैं, जो हमेशा जल से भरे रहते हैं और जिनसे निरंतर पानी बहता रहता है। इस धारा का जल हनुमान जी को स्पर्श करता हुआ बहता है। जिसके कारण इसे हनुमान धारा कहते हैं।
इस जगह के बारे में एक प्रसिद्ध कथा है- श्रीराम के अयोध्या में राज्याभिषेक होने के बाद एक दिन हनुमान जी ने भगवान श्रीरामचंद्र से कहा थी कि हे भगवन मुझे कोई ऐसा स्थान बतलाइए, जहां लंका दहन से उत्पन्न मेरे शरीर का ताप मिट सके। तब भगवान श्रीराम ने हनुमान जी को यह स्थान बताया था।
हनुमानगढ़ी, अयोध्या
यहां का सबसे प्रमुख श्री हनुमान मंदिर हनुमानगढ़ी के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर राजद्वार के सामने ऊंचे टीले पर बना हुआ है जिसके कारण यहां तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 70 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यह मंदिर काफ़ी बड़ा और भव्य है। जिसके चारों ओर साधु-संत रहते हैं। इस मंदिर के दक्षिण में सुग्रीव टीला व अंगद टीला नामक जगह भी हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्मस्थली भी है।