हमारी किस्मत की लकीरें हमारे हाथों में दर्ज होती हैं। हमारी हथेलियों में बनी विभिन्न रेखाएं हमारी किस्मत के हर एक पन्ने के बारे में हमें बताती हैं. कई लोगों की हथेलियों में ध्यान से देखने पर रेखाओं के मिलन से बने चिह्न दिखाई पड़ते हैं और आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार सामुद्रिक शास्त्र में इन्हीं चिह्नों के बारे बताया गया है। अलग-अलग लोगों की हथेलियों में विभिन्न प्रकार के चिह्न, जैसे तराजू, त्रिशूल, कमल आदि का चिह्न देखने को मिलता है।
हथेली में तराजू का चिह्न
सबसे पहले बात करेंगे तराजू के चिह्न की. जिस किसी की हथेली में तराजू का चिह्न होता है, उसके लिये ये बहुत शुभ होता है. इस निशान का मतलब होता है कि आप के हाथ में लक्ष्मी का योग बन रहा है. देवी मां की कृपा आप पर हमेशा बनी रहती है। आपका जीवन धन-सम्पत्ति, वैभव से भरा रहेगा और आपके परिवार में खुशहाली बनी रहेगी।
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हथेली में त्रिशूल का चिह्न
हथेली में त्रिशूल का चिह्न होना बहुत ही शुभ होता है. त्रिशूल भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. इसलिए जिस किसी के हाथ में त्रिशूल का चिह्न होता है उस पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है. ये लोग बहुत ही भाग्यवान होते हैं. इनका भाग्य इनका साथ कभी नहीं छोड़ता. त्रिशूल का हाथ के किसी भी हिस्से में होना शुभ ही होता है, साथ ही यह हाथ की जिस रेखा या पर्वत पर होता है उसका सौभाग्य भी बढ़ा देता है।
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हाथ की विभिन्न रेखाओं पर त्रिशूल के चिह्न होने से अलग-अलग फल मिलता है और वो भी कई गुना बढ़कर. हमारे हाथों की तीन रेखाएं हृदय रेखा, भाग्य रेखा और सूर्य रेखा पर त्रिशूल का होना हमें विभिन्न बातों से परिचित कराता है. सबसे पहले हृदय रेखा. यदि किसी के हाथ में हृदय रेखा गुरु पर्वत, यानि तर्जनी उंगली के नीचे तक जा रही हो और अंत में त्रिशूल का चिन्ह बना हो तो उस व्यक्ति का राजयोग बनता है. ऐसे व्यक्ति राजा के समान हर तरह की सुख-सुविधा से संपन्न रहते हैं. इन्हें जीवन में कभी किसी तरह का दुख नहीं होता और ये आराम से अपना जीवन व्यतीत करते हैं. इनको समाज में बहुत गौरव, मान-सम्मान मिलता है।
सूर्य रेखा पर त्रिशूल के चिह्न
इन दोनों रेखाओं पर त्रिशूल का चिह्न होने से क्या फल मिलता है ? यदि हथेली में भाग्य रेखा के अंत में त्रिशूल का चिह्न बना हो और उसकी शाखाएं गुरु पर्वत, शनि पर्वत और सूर्य पर्वत की ओर जा रही हो तो राजयोग बनता है. अगर किसी के मंगल पर्वत पर त्रिशूल का चिह्न हो तो शिवयोग बनता है. ऐसे जातक भाग्यशाली होने के साथ-साथ प्रतिभावान भी होते हैं. इनमें गुणों का भंडार होता है और इन्हें सभी तरह के सुख मिलते हैं.यदि सूर्य रेखारिंग फिंगर के नीचे तक रहती है और उसके अंत में त्रिशूल का चिन्ह बना हो तो उस व्यक्ति को समाज में बहुत नाम, शोहरत मिलती है. सूर्य रेखापर त्रिशूल का चिह्न होने पर व्यक्ति को सरकारी क्षेत्र में खूब लाभ मिलता है और उच्च पद की प्राप्तिहोती है।