धर्म डेस्क: मार्गशीर्ष माह की एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी को मोक्ष प्राप्त करने का रास्ता माना जाता है। आज यानी कि 30 नवंबर को मोक्षदा एकादशी है। आज के दिन इस कथा को सुनने से मोक्ष की तो प्राप्ति होती है। इसके साथ ही हजारों यज्ञों के बराबर फल भी मिलता है। जानिए इसकी व्रत कथा को।
पुरातन काल में गोकुल नगर में वैखानस नाम के राजा राज्य करते थे। एक रात उन्होंने देखा उनके पिता नरक की यातनाएं झेल रहे हैं। उन्हें अपने पिता को दर्दनाक दशा में देख कर बड़ा दुख हुआ। सुबह होते ही उन्होंने राज्य के विद्धान पंडितों को बुलाया और अपने पिता की मुक्ति का मार्ग पूछा। उनमें से एक पंडित ने कहा आपकी समस्या का निवारण भूत और भविष्य के ज्ञाता पर्वत नाम के पंहुचे हुए महात्मा ही कर सकते हैं। अत आप उनकी शरण में जाएं। (Mokshada Ekadashi 2017: मोक्षदा एकादशी के दिन राशिनुसार करें ये उपाय, होगी हर इच्छा पूरी)
राजा पर्वत महात्मा के आश्रम में गए और उनसे अपने पिता की मुक्ति का मार्ग पूछा, "महात्मा ने उन्हें बताया की उनके पिता ने अपने पूर्व जन्म में एक पाप किया था। जिस का पाप वह नर्क में भोग रहे हैं।"
राजा न कहा," कृपया उनकी मुक्ति का मार्ग बताएं।" (Mokshada Ekadashi 2017: मोक्षदा एकादशी के दिन राशिनुसार करें ये उपाय, होगी हर इच्छा पूरी)
महात्मा बोले," मार्गशीर्ष मसके शुक्ल पक्ष में जो एकादशी आती है। उस एकादशी का आप उपवास करें। एकादशी के पुण्य के प्रभाव से ही आपके पिता को मुक्ति मिलेगी।" राजा ने महात्मा के कहे अनुसार व्रत किया उस पुण्य के प्रभाव से राजा के पिता को मुक्ति मिल गई और वह स्वर्ग में जाते हुए अपने पुत्र से बोले, "हे पुत्र! तुम्हारा कल्याण हों, यह कहकर वे स्वर्ग चले गए।"