धर्म डेस्क: मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इसे वैकुण्ठ एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में इस एकादशी का बड़ा ही महत्व माना गया है। कहते हैं मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन ही कुरुक्षेत्र की भूमि पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसी कारण आज के दिन गीता जयंती भी मनायी जाती है।
आज मोक्षदा एकादशी के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान दामोदर का स्मरण करते हुए सबसे पहले जल में गंगाजल डालकर पूरे घर में छिड़कना चाहिए और उसके बाद विधि- विधान से भगवान का पूजन करना चाहिए। पूजा के समय 'भगवद्गीता' की एक प्रति भी रखनी चाहिए और संभव हो तो आज के दिन गीता के कुछ अंश जरूर पढ़ने चाहिए। कहते हैं मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत करने से पितर दोष से मुक्ति मिलती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही आज के दिन पूजा के बाद किसी ब्राह्मण को भोजन कराने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है।
आज मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के दामोदर रूप की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु के शंख, गदा, चक्र और पद्मधारी रूप को दामोदर की संज्ञा दी गयी है। पद्मपुराण में आया है कि स्वंय भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर से कहा है कि इस दिन तुलसी की मंजरी, धूप-दीप आदि से भगवान दामोदर का पूजन करना चाहिए।
इस एकादशी के दिन राशि के अनुसार उपाय करने से आपकी हर इच्छा पूरी होती है। जानिए इन उपायों के बारें में।
मेष राशि
आज के दिन सुख की प्राप्ति के लिए भगवान दामोदर को सिंदूर चढ़ाएं और 'ऊं गोविंदाय नमः' तथा 'ऊं वामनाय नमः' मंत्र का 11-11 बार जाप करें।
वृष राशि
धन की प्राप्ति के लिए आज के दिन भगवान दामोदर को कमल गट्टे चढ़ाएं और साथ ही भगवान विष्णु के त्रिविकरम और मधुसूदन स्वरूप का भी स्मरण करें।
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