धर्म डेस्क: हिंदू पंचाग के अनुसार वैशाख मास की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन ऐसे कोई भी काम न करें। जिससे आपके द्वारा किए गए पुण्य के काम पाप में बदल जाएं। जोकि आपके आने वाले जीवन के लिए नुकसानदेय साबित हो सकता है। इस दिन पूजा-पाठ करने से आपकी हर मनोकामना भी पूर्ण हो जाती है। इस बार मोहिनी एकादशी 6 मई, शनिवार के दिन है।
ये भी पढ़े
- दिन में नहीं रात को पूजा करने से ज्यादा प्रसन्न होते है बजरंगबली
- जानिए, आखिर एक रात को क्यों जिंदा हो गए थे कुरुक्षेत्र में मारे गए शुरवीर?
- जानें सपने में मंदिर सहित ये धार्मिक स्थल दिखने का क्या है मतलब
- किस्मत वाले होते है जिनके शरीर में होते है इस 4 जगहों पर तिल
पद्मपुराण के अनुसार इस एकादशी के बारें में श्री कृष्ण ने कहा है कि इस व्रत को करने से लोक और परलोक में सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के पापों का नाश होता है। साथ ही माना जाता है कि इस व्रत को करने से आपको 10 हजार सालों की तपस्या के बराबर फल मिलता है।
हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार जो इंसान विधि-विधान से एकादशी का व्रत और रात्रि जागरण करता है उसे वर्षों तक तपस्या करने का पुण्य प्राप्त होता है। इसलिए इस व्रत को जरुर करना चाहिए। इस व्रत से कई पीढियों द्वारा किए गए पाप भी दूर हो जाते है।
इस एकादशी के दिन जो व्यक्ति व्रत रखता है। वह इस दिन प्रात: स्नान करके भगवान को स्मरण करते हुए विधि के साथ पूजा करें और उनकी आरती करनी चाहिए साथ ही उन्हें भोग लगाना चाहिए। इस दिन भगवान नारायण की पूजा का विशेष महत्व होता है। साथ ही ब्राह्मणों तथा गरीबों को भोजन या फिर दान देना चाहिए। यह व्रत बहुत ही फलदायी होता है। इस व्रत को करने से समस्त कामों में आपको सफलता मिलती है। जानिए इसकी पूजा-विधि, और कथा के बारे में।
एकादशी तिथि आरंभ 5 मई-11 बजकर 14 मिनट
एकादशी तिथि समाप्त 6 मई- दोपहर 12 बजे
पारण समय: 7 मई- 6 बजकर 53 मिनट से 9 बजकर 5 मिनट तक
अगली स्लाइड में पढ़े विधि के बारें में