कोरोना के संकट में यदि नियमो का पालन करने के साथ साथ दूसरों की मदद का जज्बा कायम रखा जाए तो इस खतरनाक वायरस को जड़ से खत्म किया जा सकता है। ये कहना है आल इंडिया व मशाइख़ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफी फ़ोरम के चेयरमैन हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी का। किछौछवी कोरोना पर होने जा रहे इंडिया टीवी के सर्वधर्म सम्मेलन में शरीक होंगे औऱ कोरोना से बचने के तरीके बताएंगे। इंडिया टीवी पर होने जा रहे इस महासम्मेलन को लाइव दस बजे से देखा जा सकता है।
उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस से अधिक खतरनाक नफरत का वायरस है। किछौछवी कहते हैं कि हम कोरोना से बचने के लिए मास्क तो पहन रहे हैं लेकिन नफरत से बचने के लिए ज़हरीली जुबानों को नहीं रोक रहे हैं, हम वायरस से बचने के लिए बार बार हैंडवाश या साबुन से हाथ धो रहे हैं लेकिन उन हाथों को लोगों की मदद के लिए नहीं बढ़ा रहे, खांसते या छींकते वक़्त बीमारी के डर से मुंह को ढाप रहे हैं लेकिन किसी जरूरतमंद के कपड़ों का इंतजाम नहीं कर रहे।
हज़रत ने कहा कि दुनिया कोरोना से एकजुट होकर लड़ सकती, इतना ही नहीं इसकी दवा भी जल्द ही बन जाएगी औऱ कोरोना हार जाएगा लेकिन हम इससे ज़्यादा खतरनाक बीमारी का इलाज होते हुए भी इसे खतम करने को तैयार नहीं है, जबकि सिर्फ एक मुस्कुराहट इस वायरस से बचा सकता है, एक ख़ामोशी, इंसाफ और लोगों की मदद करने का जज्बा इसका इलाज है अगर सब इस नेक काम में शामिल हो जाएं तो इस वायरस को खत्म करके इस पर फतह हासिल की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि हम कोरोना को सुन्नते रसूल पे अमल कर हरा देंगे क्योंकि डॉक्टर जो बचाव के तरीके बता रहे हैं वह नबी की सुन्नत है इसी तरह हम नफरत के वायरस को भी नबी की सुन्नत पर अमल कर हरा सकते हैं जो सूफिया ने करके दिखाया और संदेश सुनाया कि नफरत किसी से नहीं मोहब्बत सबके लिए।