- गुरु पूर्णिमा के दिन बृहस्पति यंत्र को अष्टगंध से भोजपत्र पर लिखे। इसलके बाद इसकी विधि-विधान से पूजा और इसे दाहिने हाथ की भुजा या फिर गले में बांध लें।
- इस दिन सभी कामों से निवृत्त, शुद्ध होकर इस मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे आपको अधिक लाभ मिलेगा।
एकाक्षरी बीज मंत्र- ऊं बृं बृहस्पतये नम:।
तांत्रिक मंत्र- ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।।
गायत्री मंत्र- ऊं आंगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव:प्रचोदयात्।।