सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ का होता है। 17 अगस्त का ये सोमवार इस वजह से भी खास है क्योंकि आज भाद्रमद मास की पहली मासिक शिवरात्रि है। पंचाग के अनुसार भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन अगर भक्त भोलेनाथ की पूरी विधि-विधान से पूजा करें तो वो जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और सारी मनोकामना पूरी कर देते हैं।
मासिक शिवरात्र का शुभ मुहूर्त
17 अगस्त की रात 12 बजकर 4 मिनट से 18 अगस्त को 12 बजकर 48 मिनट तक
शिव जी की ऐसे करें पूजा
- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके ताजे बेलपत्र लाएं।
- पांच या सात साबुत बेलपत्र साफ पानी से धोएं और फिर उनमें चंदन छिड़कें या चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखें।
- तांबे के लोटे में जल या गंगाजल भरें और उसमें कुछ साबुत और साफ चावल डालें।
- आखिर में लोटे के ऊपर बेलपत्र और पुष्पादि रखें।
- बेलपत्र और जल से भरा लोटा लेकर पास के शिव मंदिर में जाएं और वहां शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें।
- रुद्राभिषेक के दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप या भगवान शिव को कोई अन्य मंत्र का जाप करें।
- रुद्राभिषेक के बाद मंदिर परिसर में ही शिवचालीसा, रुद्राष्टक और तांडव स्त्रोत का पाठ भी कर सकते हैं।
- मंदिर में पूजा करने बाद घर में पूजा-पाठ करें।
- घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- पूरी पूजन तैयारी के बाद 'मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमवार व्रतं करिष्ये' मंत्र से संकल्प लें।
- भगवान भोलेनाथ का ध्यान करें।
- ध्यान के पश्चात 'ॐ नमः शिवाय' से शिवजी का तथा ' ॐ शिवाय नमः ' से पार्वतीजी का षोडशोपचार पूजन करें।
- पूजन के पश्चात व्रत कथा सुनें।
- आरती कर प्रसाद वितरण करें।
इन मंत्रों का करें जाप
- ऊं नम: शिवाय
- ऊं नमो भगवते रुद्राय
- ऊं हौं जूं सः पालय पालय सः जूं हौं ऊं
- ऊं शंकराय नम: