नई दिल्ली: मार्गशीर्ष का महीना श्रद्धा एवं भक्ति का माना जाता है। हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार इस माह को श्री कृष्ण का का माह कहा जाता है। इस बारे में उन्हों खुद ही कहा था कि मैं मार्गशीर्ष माह हूं तथा सत युग में देवों ने मार्ग-शीर्ष मास की प्रथम तिथि को ही साल का प्रारम्भ किया था। इस माह में नदी स्नान करने से बहुत अधिक महत्व है।
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इस दिन पूजा करने और दान-पुण्य करने से कई गुना अधिक फल मिलता है। यह धर्म का अति पावन महीना माना जाता है। इसे बत्तीसी पूनम नाम से भी जाना जाता है। जानिए पूजन विधि औऱ महत्व के बारें में।
पूजन-विधि
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन व्रत एवं पूजन करने सभी सुखों की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा कि जाती है। इस दिन मन को पवित्र करके स्नान करें और सफेद रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें। हो सके तो इस दिन किसी योग पंडित से पूजा कराएं।
पूजा के पश्चात पंडित को ससम्मान के साथ दक्षिणा देकर विदा करें। इसके बाद सभी को प्रसाद दे। और इस दिन किसी ब्राह्मण या फिर किसी गरीव को दान करें। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन दान-पुण्य करने से और दिन से बत्तीस गुना ज्यादा फल मिलता है। इसलिए इस दिन दिल खोल कर दान देना चाहिए।
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