आज मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की उदया तिथि पूर्णिमा और गुरुवार का दिन है। इसके साथ ही आज आज शिव विद्या जयंती भी है। इन्हे त्रिपुर सुन्दरी भी कहा जाता है। इनका मंत्र, इनका तंत्र, इनकी उपासना सभी विद्याओं में श्रेष्ठ कहीं गई है | त्रिपुर सुन्दरी को मन्त्रों की नायिका कहा जाता है। यह अत्यन्त गोपनीय मंत्र बताया गया है इसे सिर्फ उसी व्यक्ति को देना चाहिए जो इसे पाने के लिए पूरी तरह उपयुक्त पात्र हो इसके उचार मात्र से पापों का समूल नष्ट हो जाता है। जानें आचार्य इंदु प्रकाश से उन उपायों के बारे में।
श्री विद्या त्रिपुर सुन्दरी का 16 अक्षरों का अत्यंत गोपनीय मंत्र है जिसको ग्रहण करने और उसको देने के कुछ विशेष विधान है इस मंत्र को ग्रहण करने से पहले काफी तैयारियां करनी होती है। जो इस समय संभव नहीं है। लेकिन बाला त्रिपुर सुन्दरी का मंत्र है - ऐं क्ली सौ: ......
कहा गया है कि इस विद्या का शापोद्वार करके ही इसका अनुष्ठान करना चाहिए लेकिन आज एक दिन में आप ये सारे काम न सीख सकते है ना कर सकते हैं | इसलिए उचित ये है कि इस मंत्र का थोड़ा ही सही कुछ जाप जरूर कर लें। इस मंत्र का पूरा चरण तीन लाख जप है, आप आज तीन हजार कर लीजिए या तीन सौ बार कर लीजिए, अगर वो भी ना कर पाए तो तीन बार कर लीजिए।
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मंत्र महार्णव के अनुसार जाप का दशांश पलाश के फूलों या कनेर के फूलों से हवन कराना चाहिए। इससे बाल शोडषी के उपासना करने से विद्या और धन की प्राप्ति होती है।
इस मंत्र को जपते हुए लाल कनेर के फूलों से होम करने के बाद उस यज्ञ की राख से
- मस्तक पर तिलक करने से स्त्रीयों का वशीकरण होता है।
- इस मंत्र को जपते हुए सरसो से होम करने से राजा वश में होता है।
- नन्द्या वर्त राज वर्ष, कुंद, पाढल तथा चम्पा के फूल या बेल के फूलों से यज्ञ करने से
- लक्ष्मी स्थिर होती है।
- दूध में मिलाकर गुडुची के फूलों से हवन करने से अकाल मृत्यु नहीं होती है।
- दूध मिली दुर्वा से हवन करने से बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
- कपूर, गुगुल से हवन करने से मनुष्य को ध्यान और कविता करने की शक्ति मिलती है।
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- पलाश के फूलों से होम करने से वाणी की सिद्वी होती है।
- मधु तथा दही युक्त लावा के होम से मनुष्य का स्वास्थ्य लाभ होता है।
- नारियल से होम करने पर सम्पति प्राप्त होती है।
- राई के साथ नमक से होम करने से दुष्टो का विनाश होता है।
- तिल, शकर और गुड़ से होम करने पर काम बनते है।
- सफेद वस्त्र पहनकर मांथे पर चन्दन का तिलक लगाकर और पलाश के फलो से होम करने से साधक युवतिओं के प्रिये हो जाता है।