उपदेश
मनुस्मृति के अनुसार कहा गया है कि अगर आप किसी यात्रा में या फिर कहीं जा रहे हो और रास्तें में कोई साधु, महात्मा उपदेश दे रहा हो तो वहां पर तुरंत रुक जाना चाहिए। हो सकता है कि उसके उपदेश आपको जीवन का कोई सही रास्ता दिखा दे, मन को शांति, परिवार के बीच प्रेम करना, समाज के प्रति जिम्मेदारी करना सीखा दे। इसलिए तुरंत ऐसी जगह पर रुक जाना चाहिए। इससे आपकी कई परेशानियां हल हो सकती है।
विभिन्न तरह के शिल्प
शिल्प यानी कि आपकी कला। कला सिखाने वाले व्यक्ति के चरित्र या स्थान के अच्छा-बुरा होने पर ध्यान दिए बिना ही पूरी निष्ठा से कला सीखनी चाहिए। यही कला आगे जाकर आपके जीवन की आजीविका बन सकती है या आपको प्रसिद्धि दिला सकती है।
जब आपके किसी कला विशेष का ज्ञान होगा तो बिना किसी परेशानी से अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकते हैं और अपनी सामाजिक जिम्मेदारी भी पूरी कर सकते हैं।