धर्म
धर्म यानी किसी किसी चीज को धारण करना। वैसे तो धर्म का इतना बड़ा अर्थ है जिसे स्पष्ट रूप में बता पाना बहुत ही मुश्किल है। धर्म यानी कि किसी के बारें में जिम्मेदारी का एहसास कराना।
कभी गलत न सोचना और न करना, सभी की भलाई करना, हमेशा चरित्रवान रहे, पूरी ईमानदारी से अपने परिवार का पालन-पोषण करना व हमेशा सच बोलना भी धर्म का ही एक रूप है। जहां कहीं से भी हमें सादा जीवन-उच्च विचार जैसे सिद्धांत मिले, उसे ग्रहण करने की कोशिश करनी चाहिए। यही धर्म का सार है। इससे आपको कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए।
पवित्रता
पवित्रता का मतलब सिर्फ हमारे शरीर से नहीं है। हमारे व्यवहार आचार-विचार, सोच से भी है। अगर हमारी सोच और व्यवहार पवित्र होगी तो आप भी दूसरे की नजरों में अच्छे होगे। अपने जीवन की हर ऊचाईयों को छुएगे। अगर आपका मन पवित्र होगा तो आपको मानसिक शांति भी मिलेगी।
जिससे आप बिना किसी तनाव और चिंता के कोई भी काम कर सकते है। साथ ही अपने लक्ष्य को प्राप्क कर सकते है। इसलिए ऐसी बातों को बिना संकोच किए मान लेना चाहिए।