Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. मलमास में 160 साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग, जानें कब से शुरू हो रहे हैं अधिक मास

मलमास में 160 साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग, जानें कब से शुरू हो रहे हैं अधिक मास

हिंदू धर्म में मलमास माह को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे अधिकमास और पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : September 17, 2020 13:12 IST
मलमास में 160 साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग, जानें कब से शुरू हो रहे हैं अधिक मास
Image Source : TWITTER/IAMVINAYVINI1 मलमास में 160 साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग, जानें कब से शुरू हो रहे हैं अधिक मास 

हिंदू धर्म में मलमास माह को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे अधिकमास और पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है। इस बार मलमास 18 सितंबर से शुरू हो रहे हैं जो 16 अक्टूबर तक चलेंगे। इस माह में शुभ काम, शादी-ब्याह आदि की मनाही होती है। 

आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार अधिक मास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है | शास्त्रों में  पुरुषोत्तम मास का बड़ा ही महत्व बताया गया है। अधिक मास को मलमास के नाम से भी जाना जाता है और मलमास के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य करने की मनाही होती है। कहा भी गया है -

यस्मिन चांद्रे न संक्रान्ति: सो अधिमासो निगह्यते

तत्र मंगल कार्यानि नैव कुर्यात कदाचन्।

अर्थात् जिस चन्द्र मास में सूर्य की कोई भी संक्रांति नहीं होती है, उसे अधिक मास कहते हैं। इस समय किसी भी तरह के शुभ कार्य, जैसे मुंडन, विवाह, गृहप्रवेश, नामकरण या किसी भी तरह की नई चीज़ नहीं खरीदनी चाहिए।

इस कारण कहा जाता है ʹपुरुषोत्तमʹ 

उल्लेख मिलता है कि इस मास का अपना कोई स्वामी नहीं है। इसलिए देव-पितर आदि की पूजा और मंगल कार्यों के लिये यह मास त्याज्य माना जाता था, लेकिन निन्दित माने जाने वाले इस मास की व्यथा देखकर भगवान पुरुषोत्तम ने स्वयं इसे अपना नाम देकर कहा है कि अब मैं इस मास का स्वामी हो गया हूं।

अहमेते यथा लोके प्रथितः पुरुषोत्तमः।
तथायमपि लोकेषु प्रथितः पुरुषोत्तमः।।

जिस प्रकार मैं इस लोक में ʹपुरुषोत्तमʹ नाम से विख्यात हूँ, उसी प्रकार यह मलमास भी इस लोक में ʹपुरुषोत्तमʹ नाम से प्रसिद्ध होगा। यह मास बाकी सब मासों का अधिकारी होगा और इसे सम्पूर्ण विश्व में पवित्र माना जायेगा। अतः इस मास में पूजा करने वाले लोगों को दरिद्रता से मुक्ति मिलेगी और उनके घर में सुख-शांति बनी रहेगी। इस मास में भगवान पुरुषोत्तम की उपासना करने वाले को हर प्रकार के सुख-साधनों की प्राप्ति होगी। आपको बता दूं कि यह पुरुषोत्तम मास आज 18 सितंबर से शुरू होकर 16 अक्टूबर तक रहेगा।

पुरुषोत्तम मास के दौरान इस मंत्र का  नित्य जाप करना चाहिए। मंत्र है-

गोवर्धन धरं वन्दे गोपालं गोपरुपिणं।
गोकुलोत्सव मीशानं गोविन्द गोपिकाप्रियं।।    

इस मंत्र का जाप कोई भी व्यक्ति कर सकता है। इस मंत्र के जाप से भगवान विष्णु की कृपा से आप के सारे काम बिना किसी विघ्न के पूरी हो जाते हैं।

इस बार बन रहा है विशेष संयोग


आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार भारतीय कैलेंडर में मास की गणना सूर्य और चन्द्रमा की गति के आधार पर की जाती है। चन्द्रमा की कलाओं के आधार पर चंद्रमास और सूर्य के एक राशि में परिभ्रमण के समयकाल को सौरमास कहा जाता है। इस प्रकार गणना करने पर एक चन्द्र वर्ष लगभग 354 दिन 22 घड़ी 1 पल का होता है और एक सौरवर्ष 365 दिन 15 घड़ी 22 पल का होता है। इस प्रकार हर वर्ष लगभग 11 दिन का फर्क आता है। यह समय अंतराल क्षय होते-होते तीन वर्षों में लगभग 32 दिन का हो जाता है। इसी समय अंतराल को बराबर करने के लिए भारतीय पंचांग में हर तीसरे साल एक माह बढ़ा दिया जाता है और इसी मास को अधिक मास या मलमास के नाम से जाना जाता है। इस बार अधिक मास आश्विन में आया है, लेकिन ये जरूरी नहीं है कि हर बार अधिक मास आश्विन में ही आए। यह किसी भी महीने में पड़ सकता है।

भगवान विष्णु की पूजा करना माना जाता है शुभ

 मलमास में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करना शुभ माना जाता है। इस दिन सत्य नारायण की पूजा अर्चना करना  अच्छा माना जाता है। इससे भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है। जिससे आपके घर में हमेशा धनधान्य भरा रहता है। 

हर दोष का निवारण के लिए कराएं महामृत्युंजय जाप

मलमास के माह में महामृत्युंजय जाप कराना शुभ माना जाता है। इससे घर में साकारात्म ऊर्जा आने के साथ-साथ कुडंली में लगे हर दोषों से भी छुटकारा मिलता है। 

 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement