नई दिल्ली: पूरे भारत में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन का अपने आप में एक खास महत्व है। घर के बड़े बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक सभी लोग मकर संक्रांति के दिन प्रात: काल उठकर स्नान करते हैं और उसके पूजा पाठ करने के बाद तिल, चावल का सेवन करते है। ज्योतिषी शास्त्र के अनुसार 14 तारीख की दोपहर में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने की स्थिति में 2018 में मकर संक्रांति का त्योहार उसी दिन मनाया जाएगा।
मेष: जल में पीले फूल, हल्दी, तिल मिलाकर अर्घ्य दें। तिल-गुड़ का दान करें। उच्च पद की प्राप्ति होगी।
वृषभ: पानी में सफेद चंदन, दुग्ध, श्वेत पुष्प, तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। बड़ी जिम्मेदारी मिलने के योग बनेंगे।
मिथुन: पानी में तिल, दूर्वा, पुष्प मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। गाय को हरा चारा दें। ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी। कर्क: पानी में दुग्ध, चावल, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। कलह-संघर्ष, व्यवधानों पर विराम लगेगा।
सिंह: पानी में कुमकुम, पुष्प, तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। तिल, गुड़, गेहूं, सोना दान दें। उपलब्धि मिलेगी।
कन्या: पानी में तिल, दूर्वा, पुष्प डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। मूंग की दाल भी दान में दें। शुभ समाचार मिलेंगे।
तुला: सफेद चंदन, दुग्ध, चावल, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। व्यवसाय में बाहरी संबंधों से लाभ मिलेगा।
वृश्चिक: पानी में कुमकुम, पुष्प, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। गुड़ का दान दें। विदेशी कार्यों में लाभ होगा।
धनु: पानी में हल्दी, केसर, पीले पुष्प व तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। शत्रु परास्त होंगे, सफलता मिलेगी।
मकर: पानी में नीले पुष्प, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। गरीब एवं दिव्यांगों को भोजन दान दें। अधिकार प्राप्ति होगी।
कुंभ: पानी में नीले पुष्प, उड़द की दाल, सरसों का तेल, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। विरोधी परास्त होंगे।
मीन: हल्दी, केसर, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। सरसों, केसर का दान दें। सम्मान, यश बढ़ेगा।