Mahavir Jayanti 2019: अहिंसा और सत्य का मार्ग दिखाने वाले महावीर स्वामी की जयंती का अपना ही एक महत्व है। जैन धर्म के 24वें तीर्थकार स्वामी महावीर को जैन धर्म के 24 वें तीर्थकार के रूप में माना जाता है। भगवान महावीर का जन्म लगभग 600 वर्ष पूर्व चैत्र शुक्ल त्रयोदशी के दिन हुआ था। इस बार 17 अप्रैल को महावीर जयंती मनाई जाएगी। महावीर हमेशा सत्य, अंहिसा के पथ में चलने के लिए कहते थे। जानें महावीर जयंती पर उनके कुछ खास वचन के बारें में।
- किसी आत्मा की सबसे बड़ी गलती अपने असल रूप को ना पहचानना है, और यह केवल आत्म ज्ञान प्राप्त कर के ठीक की जा सकती है।
- शांति और आत्म-नियंत्रण अहिंसा है।
- प्रत्येक जीव स्वतंत्र है। कोई किसी और पर निर्भर नहीं करता।
- हर मनुष्य की आत्मा अपने आप में सर्वज्ञ (परिपूर्ण) और आनंदमय है। आनंद को कभी बाहर से प्राप्त नहीं किया जा सकता हैष आत्मा अकेले आती है और अकेले ही चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है और न ही को ईउसका मित्र बनता है।
- भगवान का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है। हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवत्त्व प्राप्त कर सकता है।
- प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है। आनंद बाहर से नहीं आता।
- सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान अहिंसा है।
- सभी मनुष्य अपने स्वयं के दोष की वजह से दुखी होते हैं, और वे खुद अपनी गलती सुधार कर प्रसन्न हो सकते हैंय़
- खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।
- हर जीवित प्राणी के प्रति दयाभाव ही अहिंसा है। गृणा से ना केवल अपना विनाश करता है बल्कि दूसरों के लिए भी कष्टकारी हो सकता है।
- अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है।
Mahavir Jayanti 2019: जानें आखिर क्यों मनाई जाती है महावीर जयंती, साथ ही जानिए इसकी पूरा इतिहास