शिवलिंग पर पंचामृत, दूध, दही, शहद, घी, शर्करा, गंगा जल, बेल पत्र, कनेर, श्वेतार्क, सफेद आखा, धतूरा, कमलगट्टा, गुलाब और नील कमल चढ़ाकर अभिषेक करना चाहिए।
गंगा जल से शिवलिंग को स्नान कराते समय पांच मंत्रों का जाप किया जाता हैं। कांवड़ यात्रा के समय चूंकि, इतना स्थान नही होता अत: केवल जल चढ़ाकर भी अभिषेक हो जाता है। धूप और अगरबत्ती जहां भी जगह मिल जाए, वहां जला देनी चाहिए