धर्म डेस्क: महादेव शिव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय और शुभ दिन ढूढ़ते है। जिससे कि उन्हें प्रसन्न कर सकें। एक ऐसा ही दिन है शिवरात्रि जिस दिन आप महादेव को आसानी से पूजा-पाठ से प्रसन्न कर सकते है। ज्योतिषचार्यों के अऩुसार माना जाता है कि भगवान भोलेनाथ को शिव चौदस विशेष प्रिय है। ()
फाल्गुन मास की कांवड़ महाशिवरात्रि को चढ़ाई जाती है, जबकि श्रावण मास की कांवड़ त्रयोदशी और शिव चौदस की मिल से चढ़नी शुरू होती है। चतुदर्शी का व्रत भी रात को ही रखा जाएगा और महारात्रि की चार पहर पूजा भी रात के चार पहरों में होगी।
भक्तगण इस महाशिवरात्रि पर भोले को स्नान कराने के लिए हरिद्वार से कांवड के रूप में गंगाजल लाते हैं। फिर महाशिवरात्रि पर इसी गंगाजल से भोले को स्नान कराया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि पर बहुत ही मंगलकारी योग बन रहा है। इस बार दो दिन महाशिवरात्रि रहेगी। 21 जुलाई से शुरु होकर 22 जुलाई तक बनेगा।
यह है जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त
इस बार महाशिवरात्रि 21 जुलाई से शुरु हो रही है। आज रात 9 बजकर 50 से जलाभिषेक शुरुर होगा। जो कि 22 जुलाई को शाम 6 बजे तक जलाभिषेक करने का शुभ मुहूर्त है।
ज्योतिषचार्यो के अनुसार माना जाता है कि इस बार महाशिवरात्रि में सिद्ध योग बन रहा है।
ऐसे करें जलाभिषेक
शिवरात्रि का व्रत अर्द्धरात्रिव्यापिनी चतुदर्शी में होता है। लोक परंपराओं के हिसाब से अलग-अलग क्षेत्रों के लोग त्रयोदशी से जलाभिषेक शुरू कर देते हैं।
भगवान शिव के जलाभिषेक के समय साधक को ईशान कोण अथवा पूरब की ओर मुख कर कुश आसन पर बैठना चाहिए।
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