धर्म डेस्क: महालक्ष्मी व्रत 29 अगस्त भाद्रपद के शुक्लपक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। यह व्रत 16 दिन तक आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक चलता है। सोलह दिन तक मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा-अर्चना करता है। उसे सात जन्मों तक अखण्ड लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। आप पर भी महालक्ष्मी की कृपा बनी रहे, इसके लिये सही पूजा-विधि जानना बहुत जरूरी है।
अगर आप पूरे सोलह दिनों तक इस व्रत को करने में असमर्थ हैं, वो सोलह दिनों में से केवल 3 दिन के लिये यह व्रत कर सकते हैं। लेकिन ये तीन व्रत पहले, मध्य और आखिर में किये जाते हैं।
यानी इन सोलह दिनों में से पहले दिन, आठवे दिन और आखिरी दिन करना चाहिए। पहला व्रत 29 अगस्त को है। आठवां दिन 5 सितम्बर 2017 और आखिरी व तीसरा व्रत 13 सितम्बर 2017 को है। जो सोलह दिवसीय व्रत करने में असमर्थ हैं, वे तीन दिन व्रत करके भी महालक्ष्मी की कृपा पा सकते हैं।
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महालक्ष्मी व्रत 29 अगस्त 2017 से शुरू हो रहे हैं जो कि 13 सितम्बर 2017 को समाप्त होंगा।
कलश स्थापाना
राहुकाल को छोड़कर आप किसी भी शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना कर सकते हैं।
कल दिल्ली का राहुकाल है दोपहर 3 बजकर 33 मिनट से 5 मिनट 9 मिनट तक।
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