माघ मास 2019: आज से बहुत ही पवित्र माघ मास की शुरुआत है। आज माघ कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर ही समाप्त हो चुकी है। फिलहाल माघ कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि चल रही है। शास्त्रों में जिस प्रकार कार्तिक महीने का महत्व बताया गया है, उसी प्रकार माघ महीने का भी बहुत महत्व है।
चंद्रमास के हिसाब से माघ वर्ष का ग्यारहवां महीना, जबकि सौरमास के हिसाब से ये वर्ष का दसवां महीना है। इस महीने की पूर्णिमा के मघा नक्षत्र से युक्त होने के कारण ही इस महीने को माघ मास कहा जाता है। इस महीने में भगवान विष्णु की माधव नाम से पूजा की जाती है। पूरे माघ के दौरान माधव नाम से भगवान की पूजा करने और उनके मंत्रों का जप करने से व्यक्ति को जीवन में हर तरह की सफलता मिलती है। उसे कभी भी किसी हार का सामना नहीं करना पड़ा है। माघ के दौरान भगवान विष्णु के किन मंत्रों का आपको जप करना चाहिए। वो है -ऊँ माधवाय नमः। इसके अलावा ऊँ नमो भगवते नारायणाय।
मूली खाना है वर्जित
माघ मास में मूली नहीं खाना चाहिए। माघ मास में मूली सेवन मदिरा सेवन की तरह मदवर्धक होता है। अतः मूली को स्वयं न तो खाना चाहिए न तो देव या पितृकार्य में उपयोग में ही लाना चाहिए। माघ मास में तिल अवश्य खाना चाहिए। तिल सृष्टि का प्रथम अन्न है।
इस प्रकार माघ-स्नान की अपूर्व महिमा है। इस मास की प्रत्येक तिथि पर्व है। कदाचित् अशक्तावस्था में पूरे मास का नियम न ले सकें तो शास्त्रों ने यह भी व्यवस्था दी है कि तीन दिन अथवा एक दिन अवश्य माघ-स्नान व्रत का पालन करें -
'मासपर्यन्तं स्नानासम्भवे तु त्र्यहमेकाहं वा स्न्नायात्।' (निर्णय सिन्धु)
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