नवरात्रि का चौथा दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्माण्डा की उपासना की जायेगी। कुष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कुष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानि कि- कद्दू, यानि कि पेठा, जिसका हम घर में सब्जी के रूप में इस्तेमाल करते हैं। मां कुष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत ही प्रिय है, इसलिए मां दुर्गा का नाम कुष्मांडा पड़ा। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए नवरात्र के चौथे दिन किन-किन मंत्रों का जाप करके आप कर सकते हैं अपनी इच्छा पूरी।
माता कुष्मांडा की अपनी स्तुति है और धन प्राप्ति के अनेक मन्त्र हैं लेकिन अगर धन पाना ही उद्देश्य है तो आज माता महालक्ष्मी के मन्त्र का जप करना बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगा।
Chaitra Navratri 2021: नवरात्र के चौथे दिन ऐसे करें मां कुष्मांडा की पूजा, जानें मंत्र और भोग
माता महालक्ष्मी मन्त्र-
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद
श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
इस मन्त्र का 108 बार जप करने से आपको अथाह धन की प्राप्ति होगी।
मनचाहे धन प्राप्ति के लिए करें इन मंत्रों का जाप
- नवरात्र के चौथे दिन पान के पत्ते में गुलाब की सात पंखुड़िया रखें और महालक्ष्मी मन्त्र पढ़ते हुये पान को देवी मां को चढ़ा दें।
- गुलाब के फूल में कपूर रखकर माता कुष्मांडा के सामने रखे। फिर माता महालक्ष्मी के मन्त्र का 6 माला जप करें। शाम के समय फूल में से कपूर लेकर जला दें और फूल देवी को चढ़ा दें।
Chaitra Navratri 2021: नवरात्र के चौथे दिन ऐसे करें मां कुष्मांडा की पूजा, जानें मंत्र और भोग
- नवरात्र के चौथे दिन इमली के पेड़ की डाल काट कर घर में ले आयें। इस डाल पर माता महालक्ष्मी के मन्त्र का 11 बार जप करें और फिर इसे अपने तिजोरी या धन रखने की स्थान पर रखने से अखंड लक्ष्मी की प्राप्ति होगी।
- नवरात्र चतुर्थी की शाम में बेल के पेड़ की जड़ पर मिट्टी, इत्र, पत्थर और दही चढाएं और अगले दिन सुबह फिर से मिट्टी, इत्र, पत्थर और दही चढा कर, बेल के पेड़ के उत्तर पूर्व दिशा की एक छोटी टहनी तोड़कर घर ले आएं इस टहनी पर रोज 108 बार महालक्ष्मी मन्त्र पढ़िये और टहनी को नवमी के दिन तिजोरी में रखें।
नवरात्रि के चौथे दिन किन मन्त्रों का जप करके जीवन में चल रही विभिन्न समस्यायों से छुटकारा पा सकते है।
- अपने जीवन में चल रही परेशानियों से जल्द छुटकारा पाने के लिए देवी मां के इस मंत्र का 108 बार जप करें | मंत्र है-
दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनी।
जयंदा धनदा कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
- अपने जीवन में चल रही परेशानियों से जल्द छुटकारा पाने के लिए देवी मां के इस मंत्र का 108 बार जप करें | मंत्र है-
दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
- मनोविकार से बचने के लिए और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिये पूजा के बाद माता के आगे ध्यान मुद्रा में बैठकर इस मंत्र का 21 बार जप करे|
मंत्र है-
वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥
- अपनी बौद्धिक क्षमता में बढ़ोतरी के लिये और परीक्षा में अच्छे रिजल्ट के लिये देवी मां के विद्या प्राप्ति मंत्र का 5 बार जप करना चाहिए । मंत्र है-
‘या देवी सर्वभूतेषु बिद्धि-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
- अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिये आज देवी मां को मालपुओं का भोग लगाए और उनके इस मंत्र का 11 बार जप करें | मंत्र है –
जगन्माता जगतकत्री जगदाधार रूपणीम्।
चराचरेश्वरी कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
- अपने घर की सुख-शांति और समृद्धि बढ़ाने के लिये आज देवी के शांति मंत्र का 21 बार जाप करें | मंत्र है-
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥