धर्म डेस्क: 31 जनवरी को आसमान में इस साल का पहला चंद्रग्रहण दिखाई देगा। इस बार का चंद्रग्रहण बेहद खास होगा क्योंकि इस बार ब्लडमून और ब्लूमून या सुपरमून एक साथ दिखाई देने वाला है।
अंतरिक्ष में होने वाली इस खगोलीय घटना पर सारी दुनिया की नज़र है। आखिर क्या है ब्लडमून और ब्लूमून या सुपरमून। इस बार सिर्फ चंद्रग्रहण ही नहीं बल्कि पूर्ण चंद्रग्रहण है जो तीन सालों बाद दिखाई देने वाला है। इस बार यह चंद्रग्रहण इसलिए भी खास है क्योंकि इसको नंगी आंखों से देखा जा सकता है। भारत, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में यह पूर्ण चंद्रग्रहण साफ-साफ देखा जा सकेगा। भारत में यह शाम 5:58 मिनट से शुरू हो कर 8:41 मिनट तक मतलब 77 मिनट के लिए दिखाई देगा।
35 सालों बाद घटेगी ऐसी घटना
एक महीने में दूसरी बार आने वाली पूर्णिमा को ब्लू मून कहते हैं। यह इसलिए भी खास होगा क्योंकि इस दिन चांद तीन रंगों में दिखाई देगा। ऐसी घटना 35 वर्ष बाद देखने को मिलेगी, जिसमें सूपर मून, ब्लू मून और ब्लड मूल तीन रूपों में चाँद दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण में इसलिए दिखेंगा 3 रंगों में
ब्लू मून
जब चांद और धरती के बीच में दूरी सबसे कम हो जाती है और पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है तब चंद्रग्रहण होता है। ये ही सुपर मून है। इस चंद्रग्रहण पर पूर्ण चंद्रमा दिखेगा और जब ऐसा होता है तो चांद की निचली सतह से नीले रंग की रोशनी बिखरती है जिसकी वजह से इसको ब्लू मून भी कहा जाता है।
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