फिर हाथ धोएं, इसके बाद इस मंत्र को बोले-
ऊं पृथ्वी त्वयाधृता लोका देवि त्यवं विष्णुनाधृता।
त्वं च धारयमां देवि पवित्रं कुरु चासनम्॥
ऊं महालक्ष्म्यै नम: मंत्र जप के साथ महालक्ष्मी के पास आचमनी से जल अर्पित करें।
अब शुद्धि और आचमन के बाद चंदन लगाना चाहिए। इसके लिए अनामिका उंगली से श्रीखंड चंदन लगाते हुए यह मंत्र बोलें-
चन्दनस्य महत्पुण्यम् पवित्रं पापनाशनम्, आपदां हरते नित्यम् लक्ष्मी तिष्ठतु सर्वदा।
इसके बाद अपने हाथ में फूल, फल, सुपारी, पान, चांदी का सिक्का, नारियल (पानी वाला), मिठाई, मेवा, आदि थोड़ी मात्रा में लेकर संकल्प करें कि हे महालक्ष्मी मैं आपका पूजन कर रहा हूं। इसके बाद उस सामग्री को लक्ष्मी जी के पास छोड़ दें।
ऐसे करें गणपति पूजन
हम कोई भी पूजा करते है, तो सबसे पहले श्री गणेश जी की पूजा करते है। इसके लिए अपने हाथ में एक फूल लें और गणपति का ध्यान करें और इस मंत्र को बोलें-
गजाननम्भूतगणादिसेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्।
आवाहन: ऊं गं गणपतये इहागच्छ इह तिष्ठ।।
तना कहकर पात्र में अक्षत छोड़ें। साथ ही गणेश जी को फूल, कुमकुम, माला , पान, सुपाड़ी आदि चढाएं। फिर भोग लगाते हुए आचमन कर दें।
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