वैसे तो 12 साल बाद हरिद्वार और प्रयाग में कुंभ महापर्व का आयोजन होता है। लेकिन इस बार 11 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है जिससे कि हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। हरिद्वार में कुंभ का आयोजन तब होता है जब सूर्य देव मेष में और गुरु कुंभ राशि में स्थित होते हैं। ऐसा संयोग 2021 में बनने जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि गुरु कुंभ राशि में 5 अप्रैल की मध्य रात्रि में प्रवेश कर जाएंगे और 14 अप्रैल को सूर्य देव मेष राशि में आएंगे।
हिंदू धर्म में कुंभ महापर्व का विशेष धार्मिक महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुंभ स्नान करने से मनुष्य को सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही स्नान करने से पितृ शांत होते हैं और अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं।
कुंभ मेले में शिरकत करने वाले श्रद्धालु इन बातों का रखें ध्यान
- अपने साथ मास्क जरूर कैरी करें
- बार बार मास्क को ना छुएं
- सैनिटाइजर जरूर कैरी करें
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ना भूलें
- मौसम बदल रहा है तो अपने साथ मौसम के हिसाब से कपड़े जरूर रखें
- खाने पीने की सूखी चीजें कैरी करें ताकि कई दिन तक उसका इस्तेमाल कर सकें
- बच्चों और बड़े बूढ़ों का खास ध्यान रखें
- हाथों को बार बार सैनिटाइज करना ना भूलें
श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन के लिए तैयार है पोर्टल
महाकुंभ में स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए haridwarkumbhmela2021.com साइट पर जाना होगा। इस साइट पर श्रद्धालुओं को आरटीपीसीआर रिपोर्ट के अलावा अपना मेडिकल प्रमाणपत्र और पहचान पत्र भी अपलोड करना होगा। जब श्रद्धालु इन सब जरूरी कागजात को अपलोड कर देंगे तब उन्हें ऑनलाइन पास जारी किया जाएगा। प्रशासन की तरफ से ये व्यवस्था कोरोना काल को ध्यान में रखकर की गई है।
श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले की कोविड टेस्ट रिपोर्ट दिखाना होगा अनिवार्य
खास बात है कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से जारी स्टैंडर्ट ऑपरेटिंग प्रोसीजर में कहा गया है कि महाकुंभ में शिरकत करने वाले सभी श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले की कोविड टेस्ट रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। इतना ही नहीं सभी श्रद्धालुओं को कोरोना काल के सभी नियमों जैसे कि सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा मास्क और सैनिटाइजेशन का भी पालना करना जरूरी होगी।