कुंभ मेला 2019: प्रयागराज कुंभ (Kumbh 2019) में 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर पहला शाही स्नान शुरु हो गया है। सबसे पहले शाही स्नान के लिए संगम तट पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिवार्णी का पूरी हुजूम पहुंचा। परंपरा के अनुसार सबसे पहले अखाड़े के भालादेव ने स्नान किया। उसके बाद नागा साधुओं ने फिर आचार्य महामंडलेश्वर और साधु-संतों ने स्नान किया। देखें शाही स्नान की कुछ खूबसूरत तस्वीरें।
वहीं अब शाही स्नान के लिए सबसे बड़ा अखाड़ा श्री पंच दशनाम जूना के साथ अग्नि अखाड़ा और अवाहान अखाड़े के संत संगम तट पर पहुंच रहे हैं।
आज करीब डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने का अनुमान है। कुंभ में 6 शाही स्नान हैं जो 55 दिनों तक चलेगा। इस दौरान करीब 15 करोड़ लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाते हुए पुण्य कमाएंगे। (Kumbh 2019: ये है कुंभ के 14 अखाड़े, जानें इनका महत्व और इनके बारें में रोचक बातें)
संक्रांति के पवित्र मौके पर नागाओं ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। वह गदा, त्रिशूल लिए अपनी शाही यात्रा निकालते दिखे।
शाही स्नान में इस अंदाज में भभूत लगाएं हुए नजर आें नागा साधू। (जानिए कुंभ मेले का पूरा इतिहास, साथ ही इसका आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व)
शाही स्नान के लिए जाते साधु संतों का हुजूम।
कुंभ मेले के पहले दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का प्रयाग में आगमन हुआ है। सभी मकर संक्रांति के अवसर पर कुंभ स्नान करके पुण्य कमाने की लालसा लिए हुए है।
नागा साधुओं का वस्त्र आसमान होता है इसलिए इन्हें दिगंबर कहते है। आसमान को ओढ़कर आसमान के नीचे कुंभ में डुबकी लगने से पहले जयघोष करते नागा साधुों की टोली।
कुंभ के पहले स्नान के लिए नागा साधु जब अपने शिविर से बाहर आए तो अद्भुत नजारा दिख रहा था। पालकी, हाथी, घोड़े पर जयजयकार करते हुए नागा साधु कुंभ में आएं लोगों का उत्साह बढ़ाते हुए।
कुंभ स्नान करके नागा साधु भगवान सूर्य की आराधना करता हुआ।
नागा साधुओं ने लगाई प्रयाग में आस्था की पहली डुबकी।
नागा साधाओं का अदभुत नजारा।