धर्म डेस्क: सामुद्रिक शास्त्र में बताया गया है कि बृहस्पति ग्रह और सिर के बालों के संबंध बहुत ही गहरा होता है। सिर के कम होते बालों का या अधिक टूटने का संबंध बृहस्पति ग्रह से जुड़ा हुआ है। वैसे तो मानसिक बुद्धि के सहायक भी देव गुरू बृहस्पति हैं, लेकिन साथ ही गिरते, टूटते बालों के पीछे भी इन्हीं का हाथ होता है।
ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी लोगों के सिर के बाल झड़े और एक ही मात्रा में, एक ही स्थान से। तो किस स्थान पर बाल होने या ना होने से, उस व्यक्ति का स्वभाव कैसा होता है। जिनके जिनके सिर के अगले भाग में दोनों तरफ गंजापन होता है और पीछे की तरफ बाल होते हैं. ऐसा होना उत्तम माना गया है। ये लोग बहुत ही विचारशील और व्यवहारिक होते हैं। अपनी प्रौढ़ावस्था तक आते-आते ये लोग अपने जीवन के लक्ष्य के बहुत करीब तक पहुंच जाते हैं। ये क्रिएटिव काम में अधिक रूचि लेते हैं और अपने काम के प्रति लगातार सक्रिय रहते हैं
यह स्थिति जीवन में संघर्ष को दर्शाती है। अपने हर काम के लिये इन्हें और लोगों से अधिक मेहनत करनी पड़ती है। भाग्य इनका ज्यादा साथ नहीं देता। ये लोग बस लगातार सपनों की दुनिया को अपना बनाने की कोशिश करते रहते हैं। क्योंकि काम की शुरूआत में ही इनके अंदर क्षमता का अभाव दिखाई देता है, इसलिए काम बनने में ज्यादा समय लगता है और ज्यादा मेहनत भी करनी पड़ती है।
हालांकि ये लोग श्रेष्ठ नेतृत्वकर्ता सिद्ध हो सकते हैं, लेकिन यह भी तभी संभव है जब इन्हें दूसरों से पूरा सहयोग मिले।
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