धर्म डेस्क: कभी आपने इस बात पर गौर किया कि जब भी घर में सत्यनारायण की कथा, गुरुवार के दिन, या फिर किसी और पूजा में केला के पत्तों, फल, पेड़ का इस्तेमाल होता है। कभी आपने सोचा कि आखिर इसका इस्तेमाल ही क्यों किया जाता है और किसी पौधें का क्यों नहीं। तो हम आपको बताते है कि आखिर इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है।
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एक मान्यता के अनुसार माना जाता है कि केला सत्यनारायण भगवान तका प्रसाद होता है। जिसके कारण यह कभी खराब नहीं होता है। लेकिन आपने इससे कुछ हट कर सोचा कि हर शुभ काम में आम के पत्तों के साथ केला का इस्तेमाल क्यों किया जाता है।
है भगवान का वास
एक मान्यता के अनुसार ब्रह्स्पति देव का व्रत रखने पर इसकी पूजा की जाती है। माना जाता है कि इसमें देव का वास होता है। साथ ही सात गुरुवार का व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। जानिए इसे पूजे जाने के पीछें का कराण।
पुराण के अनुसार केले के वृक्ष में स्वयं भगवान विष्णु निवास करते है। इसी कारण गुरुवार के दिन इसकी पूजा की जाती है। जिससे कि घर में सुख-शांति, धन-संपदा आए। इस वृक्ष को शुभ और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है।
पूजा से मिलता है गुरु दोष से मुक्ति
धर्म शास्त्रों के अनुसार केले की वृक्ष की पूजा करने से गुरु दोष खत्म हो जाता है। साथ ही आपके घर में शुभ फल मिलता है। साथ ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इसे घर के बाहर लगाएं। कभी भी घर के अंदर न लगाएं। नहीं तो ये ग्रह स्वामी के उत्थान में बाधक बनेगा। इसलिए इसे आंगन में लगाएं और रोजाना पूजा-पाठ करें।