धर्म डेस्क: कपूर को अंग्रेजी में कैंफर नाम से जाना जाता है। इसे पूजन में अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है। हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा करते समय कपूर का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि सदियों से चला आ रहा है। जो कि अब एक परंपरा बन चुकी है। आरती आदि धार्मिक कार्यों में कर्पूर का विशेष महत्व बताया गया है।
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लेकिन आप जानते है कि इस परंपरा के पीछे कई अध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण भी है। जिनके बारें में आप जानते भी नहीं है। आज हम आपको अपनी खबर में बताएगे कि कपूर के पीछे क्या अध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण है।
- माना जाता है कि कपूर जलाने से वायुमण्डल शुद्ध होता है। साथ ही हानिकारक संक्रामक बैक्टीरिया नष्ट होती है। माना जाता है कति जिस घर में रोजाना कपूर जलाई जाती है। वहां की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है और सकारात्मक उर्जा पैदा होती है।
- अगर आप चाहते है कि आपके घर में कोई बुरी शक्ति प्रवेश न करें तो इसके लिए रोजाना शाम के समय घर पर गोबर के उपले में कपूर या गूगल रख कर जलाएं।
- शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि अगर आप पितृदोष और देवदोष को शांत करना चाहते है तो घर में कपूर जलाएं।
- सोते समय घर में कपूर जलाने से आसपास का वातावरण ठीक हो जाता है। जिससे आपको बुरे सपने नहीं आते है।
- कपूर को जलाने के वैज्ञानिक महत्व भी है। इसके अनुसार इसको जलाने से वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया नष्ट हो जाते है। साथ ही कई बीमारियों से आप बच जाते है।
- कपूर आपको कई बीमारियों से भी बचा सकता है। जैसे कि कफ, मांसपेशियों में खिंचाव, गर्दन में दर्द, आर्थराइटिस आदि बीमारियों से निजात मिल जाता है।
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