धर्म डेस्क: दान ऐसी चीज है जो कभी धर्म नहीं देखती है। साथ ही ये भी दान देने वाला व्यक्ति कौन है। शास्त्रों में कहा गया है कि दान देना महादान होता है। जो व्यक्ति दान देता है। उसके घर कभी कोई परेशानी नहीं आती है। साथ ही देवी-देवता की कृपा उनपर हमेशा बनी रहती है।
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ग्रंथो के अनुसार माना जाता है कि जो व्यक्ति दान देता है। उससे बड़ा कोई दूसरा व्यक्ति नहीं हो सकता है। लेकिन हमारे दिमाग में य़े बात जरुर आती है कि आखिर किस चीज का दान दिया जाए। जो हमारे लिए सबसे अच्छी हो। जिसको दान करने से फल ज्यादा अच्छा मिला। साथ ही माना जाता है कि मृत्यु के बाद आपको दान के अनुसार ही खाने को मिलता है।
पुराने जमाने की बात करें तो राजा-महाराजा जब भी कोई धार्मिक काम या फिर यज्ञ करते थे, तो वह जरुरतमंदो या फिर गरीब को दान दिया करते धते। माना जाता था कि दान देने से आप जिस काम के लिए जाना जाता है वो जरुर सफल होगा।
कई लोग भंडारा भी कराते है। जो कि अपनी श्रृद्धा और हैसियत के अनुसार कराया जाता है। इसको लेकर माना जाता है कि अगर आप जरुरमंद का पेट भर खाना खाएगा। तो तृप्त होकर आपको दुआए देगा जो कि हमेशा सही हो जाती है, लेकिन शास्त्रों में अन्न दान के बारें में और ही कुछ बताय़ा गया है। जानिए आखिर शास्त्रों में ऐसा क्य़ा बताया गया है।
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि विश्व का सबसे बड़ा दान अगर कुछ है तो वह है अन्नदान। माना गया है कि यह संसार अन्न से ही बना है और अन्न की सहायता से ही इसकी रचनाओं का पालन हो रहा है। यहीं एक ऐसी चीज है जिससे शरीर के साथ-साथ आत्मा भी तृप्त होती है।
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