धर्म डेस्क: कल से हिंदू नववर्ष शुरु हो रहा है। जिसके कारण इस बार 8 दिन के नवरात्र पड़ेगे। जिसके कारण नवरात्रों की तैयारी जोरों-शोरों स चल रही है। फिर भी यह नवरात्र शारदीय नवरात्र से अधिक महत्व रखते है। नवरात्रों में मां दुर्गा अपने असल रुप में प्रथ्वी में ही रहती है।
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इन नौ दिनों में पूजा कर हर व्यक्ति माता दुर्गा को प्रसन्न करना चाहता है। जिसके लिए वह मां के नौ स्वरुपों की पूजा-अर्चना और व्रत रखता है। जिससे मां की कृपा उन पर हमेशा बनी रहें। जानिए चैत्र नवरात्र इतने ख़ास क्यों होते है।
हिंदू कैलेण्डर के अनुसार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना चैत्र प्रतिपदा को ही होती है। जोकि हिंदू कैलेण्डर का पहला दिवस होता है। माता के सभी भक्त वर्ष का शुभारंभ साल के पहले दिन से अगले नौ दिनो तक माता की पूजा कर शुभांरभ हुए करते है। इस चैत्र नवरात्रि को वंसत नवरात्री के नाम से भी जाना जाता है।
इस चैत्र नवरात्री को राम नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान राम का जन्मदिवस था जो की चैत्र के अन्तिम दिन पड़ता है। चैत्र नवरात्रि उत्तरी भारतीय प्रदेशों में ज्यादा प्रचलित है। महाराष्ट्र में चैत्र नवरात्रि की शुरूआत गु़ड़ी पड़वा, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक से होती है।
चैत्र नवरात्रि के दिन माता दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरूपों को समर्पित होते है। शरद नवरात्रि के दौरान अनुष्ठान चैत्र भी किए जाते है इसलिए शरद नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि की घटस्थान की पूजा विधि समान है।