नई दिल्ली: हमारे देश में पेड़ पौधे को पुज्नीय माना जात है। तो कभी किसी रुप में तो कभी औषधि के रूप में। हिंदू धर्म में कई पेड़-पौधे ऐसे है। जिनके पीछे कोई न कोई पौराणिक कथा है। इन्ही में से एक है। केला का पौधा। केले के फल, तना और पत्तों को हमारे पूजा विधान में अनेक तरह से उपयोग किया जाता है।
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यह शुभ और पवित्रता का प्रतीक है। केले के वृक्ष में देवगुरु बृहस्पति का वास होता है। शास्त्रों के अनुसार सात गुरुवार नियमित रूप से केले की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
हिंदू धर्म में केले के पौधे को बहुत पवित्र माना गया है साथ ही इसे कई धार्मिक कार्य उपयोग किया जाता है। लेकिन आप इस बात को नही जानते होगे कि आखिर इसकी हर मांगलिक कामों में पूजा क्यों की जाती है। तो हम आपको बताते है कि इसकी पूजा क्यों की जाती है। पुराणों के अनुसार माना जात है कि केले के वृक्ष में साक्षात विष्णु निवास करते है। गुरुवार के दिन इसीलिेए केला के वृक्ष की पूजा की जाती है।
माना जाता है कि अगर केले की वृक्ष की पूजा विधि-विधान और श्रृद्धा के साथ की जाए तो भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों सुख समृद्धि और शांति का वर प्राप्त होता है। केले के वृक्ष को शुभ और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है।
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