Saturday, November 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. आखिर अस्थियों का विसर्जन पवित्र नदी में ही क्यों किया जाता, जानिए कारण

आखिर अस्थियों का विसर्जन पवित्र नदी में ही क्यों किया जाता, जानिए कारण

आखिर नदियों में ही क्यों अस्थियों का विसर्जन किया जाता हैं। हम बडी ही श्रद्धा के साथ यह काम करते हैं। इसके पीछे का कारण हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथों और पुराणों में दिया गया हैं कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता हैं। जानिए इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण।

India TV Lifestyle Desk
Updated on: June 23, 2016 22:16 IST
river- India TV Hindi
river

धर्म डेस्क:  जब कोई व्यक्ति परिवार में या अन्य कही मर जाता हैं तो उस मृतक का अंतिम संस्कार करके उसकी अस्थियां किसी गंगा जैसी पवित्र नदी में विसर्जित कर दिया जाता हैं, लेकिन आज तक हम लोग यह नही समझ हाए कि इसके पीछे कारण क्या है।

ये भी पढ़े-

आखिर नदियों में ही क्यों अस्थियों का विसर्जन किया जाता हैं। हम बडी ही श्रद्धा के साथ यह काम करते हैं। इसके पीछे का कारण हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथों और पुराणों में दिया गया हैं कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता हैं।

इस बारे में पूर्ण जानकारी कुर्म पुराण में ही गई हैं। पुराणों के अनुसार मृतक की अस्थियों को फूल कहते हैं। इसमें अगाध श्रद्धा और आदर का भाव निहित होता है। साथ ही इसका वैज्ञानिक कारण भी माना जाता है। जानिए अस्थियों को पवित्र नदियों में विसर्जन करने के पीछे मुख्य का कारण।

कुर्म पुराण में इस श्लोक से बताया गया है कि ऐसा क्यों किया जाता हैं।

यावदस्थीनि गंगायां तिष्ठन्ति पुरुषस्य तु।

तावद् वर्ष सहस्त्राणि स्वर्गलोके महीयते।।
तीर्थानां परमं तीर्थ नदीनां परमा नदी।
मोक्षदा सर्वभूताना महापातकिनामपि।।
सर्वत्र सुलभा गंगा त्रिषु स्थानेषु दुर्लभा।
गंगाद्वारे प्रयागे च गंगासागरसंगमे।।
सर्वेषामेव भूतानां पापोपहतचेतसाम्।
गतिमन्वेषमाणानां नास्ति गंगासभा गति:।।

इस श्लोक के अनुसार कहा गया हैं कि जितने साल तक मृतक की अस्थियां गंगा जैसी पवित्र नही में रहती हैं, उतने हजारों साल तक उसकी पूजा स्वर्गलोक में की जाती हैं। मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि मां गंगा सभी नदियों में से पवित्र हैं। इसके जल को छूने मात्र से सभी पाप धुल जाते है।

इसका जल ऐसा होता हैं कि चाहे जितना बड़ा पापी हो। उसकी अस्थियों को इसके जल में डालने से उसे मोक्ष की प्राप्ति होती हो। मोक्ष के लिए हरिद्वार, प्रयाग और गंगासागर इन तीनो स्थानों में दुर्लभ है। अगर आप उत्तम गति की इच्छा रखते हैं, तो गंगा नही के तरह कोई दूसरी गति नही हैं।

अगली स्लाइड में पढ़े वैज्ञानिक कारण

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement