नई दिल्ली: शकुनि गंधार साम्राज्य का राजा था। यह स्थान आज के अफ़्ग़ानिस्तान में है। वह हस्तिनापुर महाराज और कौरवों के पिता धृतराष्ट्र का साला था और कौरवों का मामा। दुर्योधन की कुटिल नीतियों के पीछे शकुनि का हाथ माना जाता है और वह कुरुक्षेत्र के युद्ध के लिए दोषियों में प्रमुख माना जाता है। उसने कई बार पाण्डवों के साथ छ्ल किया और अपने भांजे दुर्योधन को पाण्डवों के प्रति कुटिल चालें चलने के लिए उकसाया।
सभी लोग जानते हैं कि अगर महाभारत में शकुनि नहीं होता तो आज महाभारत का इतिहास कुछ और ही होता। शकुनि के ही कारण कौरव और पांडव एक-दूसरे के दुश्मन बन गए थे। शकुनि महाभारत का सबसे रहस्यमयी पात्र था। शकुनि गांधारी का भाई था और अपनी बहन से बहुत प्यार करता था। आइए आपको बताते हैं कि अपनी बहन से इतना प्यार करने के बाद भी ऐसी कौन सी बात थी जिसके चलते गांधारी का पति उसका सबसे बड़ा दुश्मन बन गया। शकुनि का मनपसंद खेल चौसर था आपको जानकर वह पासे में जो अंक कहता वहीं आता था इस चौसर के खेल से शकुनि ने द्रौपदी का चीरहरण करवाया, पांडवों से उनका राजपाट छीनकर वनवास के लिए भेजा। शकुनि का अपने पासों के प्रति प्यार गांधारी के जन्म से जुड़ा हुआ है।
पासे में बसती थी पिता की रूह
विवाह के उपरांत जब धृतराष्ट्र को गांधारी की विधवा वाली बात का पता चला तो वह आगबबूला हो गया और पूरे गांधार राज्य को समाप्त कर दिया केवल शकुनि को ही जीवित रखा गया। जिसके बाद शकुनि ने कुरुवंश को समाप्त करने की ठान ली। शकुनि के पिता ने उससे कहा कि उसकी मौत के पश्चात उनकी अस्थियों की राख से वह एक पासे का निर्माण करे। यह पासा सिर्फ शकुनि के कहे अनुसार काम करेगा और इसकी सहायता से वह कुरुवंश का विनाश कर पाएगा। ऐसा माना जाता था कि शकुनि के पासे में उसके पिता की रूह बसती थी।