नयी दिल्ली: धार्मिक ग्रंथो के अनुसार जिसका जन्म होता है उसकी मृत्यु भी निश्चित है और मृत्यु के बाद उसका पुनर्मजन्म भी तय है। इन ग्रंथों में कहा गया है कि आत्मा अनश्वर है यानी आत्मा कभी मर नहीं सकती, मरता सिर्फ शरीर है. आत्मा एक शरीर को त्याग कर दूसरा शरीर धारण कर लेती है। अब सवाल ये है कि आत्मा कब दूसरे शरीर में प्रवेश करती है? इस बारे में वैज्ञानिकों ने एक शोध किया है।
कितने दिनों बाद होता है पुर्नजन्म
वैज्ञानिकों के शोध के मुताबिक अगर 100 लोगों की मृत्यु होती है तो उनमें से 85 लोगों का पुर्नजन्म 35 से 40 दिनों के भीतर हो जाता है। वहीं बाकी के बचें पंद्रह लोगों में से 11 प्रतिशत लोगों का पुर्नजन्म होने में 1 से 3 साल तक का वक्त लगता है। जबकि 4 फ़ीसद लोग पुर्नजन्म के लिए लंबा इंतज़ार करते हैं।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक
बंगलौर स्थित स्पिरिचुअल साइंस रिसर्च फाउंडेशन ने इस बारे में विस्तृत अध्ययन किया है। फाउंडेशन ने यह अध्ययन मैडम ब्लैवट्स्की और लेड बीटर की स्थापित की हुई थियोसोफिकल सोसाइटी के साथ मिलकर किया है। इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों से कई आंकड़ें जमा किए। रिपोर्ट में पिछले सौ साल में जन्में व्यक्तियों के जीवन, स्वभाव, परिवेश और माता-पिता की स्थिति का ब्यौरा जुटाया गया। इसके लिए करीब डेढ़ हजार दंपतियों से ब्यौरे इक्ड्ठे किए गए।