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ऐसे जाने आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है कि नहीं

धर्म डेस्क: कभी-कभी ऐसा होता है कि हमारे जीवन में इतनी उथल-पुथल और इतनी आर्थिक से लेकर शारीरिक, मानसिक परेशानी होती है कि हम समझ नहीं पाते है कि यह कौन सी समस्या है। इसे

India TV Lifestyle Desk
Updated : March 04, 2016 16:50 IST

kalsharp yog

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वासुकि कालसर्प दोष
राहु तीसरे घर में और केतु नवम स्थान में और इस बीच सारे ग्रह ग्रसित हो तो वासुकी नामक कालसर्प योग बनता है। वह भाई-बहनों से भी परेशान रहता है। अन्य पारिवारिक सदस्यों से भी आपसी खींचतान बनी रहती है। रिश्तेदार एवं मित्रगण आपको हमेशा धोखा देते रहते हैं। 

घर में हमेशा कलह रहता है। साथ ही आर्थिक स्थिति भी असामान्य रहती है। अर्थोपार्जन के लिए जातक को विशेष संघर्ष करना पड़ता है, फिर भी उसमें सफलता संदिग्धा रहती है। चंद्रमा के पीड़ित होने के कारण उसका जीवन मानसिक रूप से उद्विग्न रहता है। इस योग के कारण जातक को कानूनी मामलों में विशेष रूप से नुकसान उठाना पड़ता है।

शंखपाल कालसर्प योग
राहु चौथे स्थान में और केतु दशम स्थान में हो इसके बीच सारे ग्रह हो तो शंखपाल नामक कालसर्प योग बनता है। इससे घर- संपत्ति संबंधी थोड़ी बहुत कठिनाइयां आती हैं। जिसके कारण जातक को कभी-कभी तनाव में आ जाता है।

जातक को माता से कोई, न कोई किसी न किसी समय आंशिक रूप में तकलीफ मिलती है। साथ ही वैवाहिक जीवन सामान्य होते हुए भी वह कभी-कभी तनावग्रस्त हो जाता है। चंद्रमा के पीड़ित होने के कारण जातक समय-समय पर मानसिक संतुलन खोया रहता है।

कार्य के क्षेत्र में भी अनेक विघ्न आते हैं। पर वे सब विघ्न कालान्तर में स्वत: नष्ट हो जाते हैं। इस योग के प्रभाव से जातक का आर्थिक संतुलन बिगड़ जाता है, जिस कारण आर्थिक संकट भी उपस्थित हो जाता है।

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