नई दिल्ली: जब कभी आपके घर में या आप किसी मंदिर में जाते है तो देखते है। कि हमेशा आपके भाई, पापा या कोई पुरूष ही नारियल को फोड़ता है। तो हमारें दिमाग में एक प्रश्न जरुर आता है कि आखिर क्यों स्त्री नारियल नही फोड़ सकती है।
ये भी पढ़े- राहु खराब होने के यह हैं लक्षण, ऐसे करें समाधान
हिंदू धर्म की कई मान्याताएं, परंपरा हमें अचरज में डाल देती है। कि यह किस तरह की परंपरा है। हमारें घर में कोई भी शुभ काम होता है तो नारियल को रखना अनिवार्य माना जाता है। क्योंकि इन्हें भगवान गणेश माना जाता है। साथ ही इसके बाद नारियल फोड़कर ही शुभ काम की शुरुआत होती है। जानिए आखिर महिलाओं को नारियल फोड़ना मना क्यों है।
हिंदू धर्म में एक स्त्री को लक्ष्मी का रुप माना जाता है। इस श्लोक से इस बात का प्रमाण मिलता है- यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, तत्र देवता रमन्ते
लक्क्ष्मी मानते हुए भी नारियल फोडने का अधिकार सिर्फ पुरुष हो ही है। पुराणों के अनुसार माना जाता है कि नारियल को सृष्टि का बीज माना गया है। इसकी कथा ब्रह्मऋषि विश्वामित्र द्वारा नई सृष्टि के सृजन करने से जुड़ी हुई है। जिसमें बताया गया है कि जो सबसे पहली रचना थी, वह थी नारियल। इसके बाद सभी चीजों का निर्माण हुआ। इसलिए नारियल को बीज माना जाता है। साथ ही इसे प्रजनन से जोड़कर देखा गया है। स्त्रियों बीज रूप से ही शिशु को जन्म देती है और इसलिए नारी के लिए बीज रूपी नारियल को फोड़ना अशुभ माना गया है।
एक स्त्री जो कि संतान उत्पन्न करती है। और नारियल को भी माना गया है। जिसके कारण महिलाओं को नारियल फोड़ने का मनाही है। हालांकि प्रामाणिक रूप से ऐसा किसी भी धार्मिक ग्रंथ में नहीं लिखा गया है, न ही ऐसा किसी देवी-देवता द्वारा निर्देश दिया गया है। परंतु सामाजिक मान्यताओं तथा विश्वास के चलते ही हिंदू महिलाएं नारियल नहीं तोड़ती है।