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..तो इस कारण नागपचंमी में की जाती हैं नागों की पूजा

नाग दोवता को भगवान शिव के गले में विराजमान रहते है। जिन्हें उनका श्रृंगार माना जाता हैं। माना जाता है कि सर्प हमार शत्रु होते हैं। सभी के दिमाग में एक चीज हमेशा आती हैं कि आखिर जब वह हमारे शत्रु है, तो उनकी पूजा क्यों की जाती हैं। जानिए

India TV Lifestyle Desk
Updated on: August 04, 2016 14:28 IST

naag panchmi

naag panchmi

पौराणिक कारण

किसी राज्य में एक किसान रहता था। किसान के दो पुत्र एक पुत्री थी। जमीन में हल जोतते समय किसान से नागिन के अंडे कुचल कर नष्‍ट हो गए। नागिन पहले तो विलाप करने लगी लेकिन जब उसे होश आया तो उसने बदला लेने की ठानी।

रात होते ही उसने किसान उसकी पत्नी और उसके दोनों लड़कों को डस लिया। अगले दिन किसान की पुत्री को डसने के उद्देश्य से वह फिर से किसान के घर पहुंची। यह देखकर नागिन हैरान थी कि किसान की पुत्री ने उसके सामने एक कटोरी में दूध प्रस्तुत किया और उससे माफी मांगने लगी।

नागिन ने प्रसन्न होकर उसके माता-पिता और दोनों भाईयों को जीवित कर दिया। यह दिन श्रावण शुक्ल की पंचमी थी। तब से आज तक नागों के कोप से बचने के लिए इस दिन नागों की पूजा की जाती है।

हमारे धर्मग्रंथो में वर्णित एक अन्य कथा के अनुसार एक राजा था उसकी एक ही रानी थी। रानी गर्भवती थी। उसने राजा से वन करैली( एक तरह का जंगली फल) खाने की इच्छा व्यक्‍त की।
राजा वन में गया और उसने वन करैली तोड़ कर अपने थैले में रख लीं। इतने में वहां नाग देवता आए और उन्होंने कहा तुमने ये बिना पीछे वन करैली क्यों तोड़ी ? राजा ने क्षमा मांगी लेकिन नागदेवता ने राजा की एक न सुनी।

राजा ने रानी को वचन दिया था। तो वह वन करैली घर ले जाना चाहते थे। लेकिन नागदेवता ने कहा, या तो वन करैली ले जाओ और या फिर अपनी पहली संतान मुझे देना। राजा असमंजस में फंस गया। फिर वह वन करैली ले गया और पुत्र को नाग देवता के लिए वचन दे दिया। जब राजा घर पहुंचा तो उसने रानी को नागदेवता वाली बात से बताया।

समय आने पर रानी ने एक पुत्री और एक पुत्र को जन्म दिया। नाग को यह पता चला तो वह राजा से पहली संतान मांगने आया। राजा की पहली संतान लड़की थी। राजा नाग से कहते कि मुंडन के बाद ले जाना तो कभी कहते कनछेदन के बाद ले जाना।

नाग राजा की बात मानता रहा लेकिन जब राजा ने कहा की विवाह के बाद ले जाना तो नाग ने सोच कि शादी के बाद पिता का पुत्री पर अधिकार ही नहीं रहता। इसलिए लड़की को शादी से पहले ही ले जाना होगा।

एक दिन राजा अपनी पुत्री के साथ तालाब पर नहाने के लिए गए। तालाब के किनारे एक सुंदर कमल का फूल था। लड़की फूल तोड़ने के लिए आगे बड़ी तो फूल भी आगे बड़ गया। फूल के साथ लड़की काफी गहराई में चली गई।

जब लड़की डूब गई तो नाग ने राजा से कहा, राजन् में तुम्हारी पुत्री को ले जा रहा हूं। यह सुनकर राजा मूर्छित हो गया। होश में आने पर दुख के कारण वह मर गया। जब रानी को यह बात पता चली तो वह भी यह सुनकर मर गई।

अब राजा का लड़का ही अकेला रह गया। उसके रिश्तेदारों ने उसे लूट कर भिखारी बना दिया। वह हर जगह जाकर अपनी व्यथा कहता लेकिन उसकी बात को कोई नहीं सुनता।

जब वह नाग के घर भीख मांगने पहुंचा तो वहां रह रही उसकी बहन ने भाई की आवाज पहचान ली। फिर दोनों भाई वहां प्रेम पूर्वक रहने लगे तभी से नागपंचमी का त्योहार भी मनाया जाने लगा।

 

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